राज्य के १ करोड विद्यार्थी पोषक आहार से वंचित
विद्यार्थियों को किया जा रहा सिर्फ दाल, चावल वितरण
जलगांव/दि.२४ – केंद्र सरकार द्वारा शुरु की गई विद्यार्थियों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना शुरु की गई थी. इस योजना द्वारा शालाओं के विद्यार्थियों को शाला परिसर में ही मध्यान्ह समय में पोषक आहार बनाकर दिया जाता था. किंतु पिछले पांच महिनों से कोरोना प्रादुर्भाव के चलते सिर्फ दाल, चावल का वितरण विद्यार्थियों को घर पहुंच किया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठना व सिरम इस्टिंट्यूड के अनुसार भविष्य मे ५ से १७ वर्ष के आयु गट वाले बच्चो को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है. इन बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहे इसलिए इन्हें पौष्टिक आहार दिया जाना जरुरी है ऐसी सूचना दी गई थी. किंतु राज्य में ऑनलाइन ऑफलाइन की चर्चा के बीच मध्यान्ह भोजन का पर्याय अटक गया है.
पिछले पांच महीनों से जिप शाला के विद्यार्थियों को सिर्फ दाल, चावल का वितरण किया जा रहा है. जिला परिषद की शाला की कक्षा ४ में शिक्षारत अय्युब तडवी व तुषार तडवी का पोषक आहार न मिलने से वजन कम हुआ है और यह दोनो बच्चे अपने पिता के साथ मछली पकडने का कार्य कर रहे है. राज्य में इस तरह का चित्र पोषक आहार को लेकर दिखाई दे रहा है. प्रगतीशील महाराष्ट्र में पोषक आहार से शालेय विद्यार्थी अब भी वंचित है. पोषक आहार के संबंध में राज्य की शालेय शिक्षण मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि शालाएं बंद रहने की वजह से विद्यार्थियों को भोजन पकाकर देना संभव नहीं है. इन विद्यार्थियों को घर तक दाल, चावल पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. किंतु राज्य में पोषक आहार को लेकर किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है.