मुंबई/दि.28– सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछडे वर्ग में शामिल हुए राज्य के मराठा समाज को शिक्षा और सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू हुआ है. विधि और न्याय विभाग ने 26 फरवरी को इस संदर्भ में शासन अध्यादेश जारी किया है. इस कारण अब मराठा समाज के आरक्षण का मार्ग खुला हो गया है.
मराठा आरक्षण की मांग के लिए राज्य में आंदोलन होने के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए राज्य पिछडा वर्ग आयोग स्थापित कर आयोग के जरिए ओपन प्रवर्ग का सर्वेक्षण किया. इस आयोग ने मराठा समाज सामाजिक दृष्टि से पिछडा रहने की रिपोर्ट दी. इसके मुताबिक 20 फरवरी को हुए विधि मंडल के विशेष अधिवेशन में मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण देनेवाला विधेयक सर्वसंमती से मंजूर किया गया. सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछडावर्गीय प्रवर्ग के लिए अब आगे से होनेवाली नौकर भर्ती प्रक्रिया में और शैक्षणिक संस्था के प्रवेश में 26 फरवरी 2024 से 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है. इसके लिए 27 फरवरी 2024 को सुधारित बिंदू नामावली तैयार की गई है. राज्य के सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछडे वर्ग के लिए आरक्षण अधिनियम 2024 के संदर्भ में राज्य सरकार की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में कैवेट दाखिल किया रहने की जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग ने दी है.