महाराष्ट्र

अग्निकांड को 10 वर्ष बीत गए मगर मंत्रालय की स्थिति नहीं सुधरी

सहईमारत नविनिकरण की योजना केवल दस्तावेजों पर

मुंबई./ दि. 22– राज्य सरकार का प्रशासकीय मुख्यालय रहने वाले मंत्रालय में दोपहर के वक्त लगी आग में हजारों फाइल्स जलकर खाक हो गई, कई दस्तावेज नष्ट हो गए, मुख्य ईमारत के तीन माले जल गए, ईमारत की मरम्मत पर काफी खर्च किया गया, आखिर मुख्य ईमारत का नविनिकरण किया गया, मगर पिछले भाग में स्थापित सहईमारत (एनएक्स) नविनिकरण योजना दस्तावेजों पर ही रह गई. इस घटना को 10 वर्ष बीत गए, परंतु मंत्रालय की बिगडी स्थिति अब तक ठिक नहीं हो पायी.
मंत्रालय की बैठक शुरु रहते समय दोपहर के वक्त मुख्य ईमारत के चौथे माले पर आग लगी. नगर विकास विभाग कार्यालय के बाजू के सर्वर रखे कमरे में धुआ उठने लगा. कर्मचारी सावधान हो गए. आग ने देखते ही देखते रौद्ररुप धारण कर लिया और चौथे माले सेे पांचवे फिर छटवें माले तक आग फैल गई. उपमुख्यमंत्री अजित पवार के छटवें माले पर उनके दालान में बैठक शुरु थी. सुरक्षा यंत्रणा ने तत्काल उन्हें तल माले पर पहुंचाया. पांचवें और छटवें माले पर कई कर्मचारी फंसे हुए थे. छटवें माले के कर्मचारियों को दमकल दल के जवानों ने सिडी के सहारे बहार निकाली. इस आग में 6 लोगों की मौत हो गई और कई लोग झूलस गए थे. आग ने भयानक रुप धारण कर लिया. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की विनंती पर फंसे कर्मचारियों को बाहर निकाला गया. नौसेना दल के हेलिकॉप्टर की सहायता ली गई थी.
इस आग के कारण मंत्रालय का भारी नुकसान हुआ. आग में कितनी फाइल जलकर खाक हो गई, इस बारे में अलग-अलग आंकडे सामने आये. 46 हजार फाइल जल जाने का प्राथमिक अनुमान था. बाद में 60 हजार से अधिक फाइल जलने की बात जांच में उजागर हुई. यह फाइले फिर से तैयार करने की चुनौती प्रशासन के सामने खडी थी. महत्वपूर्ण विषय से संबंधित फाइलें फिर से तैयार की गई. उसे तैयार करते समय गैर प्रकार न हो इसका ध्यान रखना पडा. फाइल व्यक्तिगत स्वरुप के काम के थी, जैसे तबादले, नियुक्ति, महत्वपूर्ण निर्णय, निविदा प्रक्रिया, विभागीय आदेश आदि से संबंधित फाइले फिर से तैयार की गई. ईमारत की मरम्मत कैसे करे, इसपर अलग-अलग पर्याय सामने आये. 50 वर्ष से अधिक समय हो जाने के कारण उस ईमारत को पूरी तरह गिराकर नई ईमारत तैयार की जाए, ऐसा पर्याय उपलब्ध था.
राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने भी वैसी ही सूचना दी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ईमारत की मरम्मत व नविनिकरण का निर्णय लिया. आग तीन वर्ष जलकर खाक हुए 4, 5 और 6 ऐसे तीन माले की मरम्मत कर नविनिकरण का काम शुरु था. इस काम के कारण कर्मचारियों के बुरे हाल हुए. फडणवीस के मुख्यमंत्री काल में एक नए प्रस्ताव चर्चा में आया. नरीम पाँईंट परिसर के एअर इंडिया ईमारत की बिक्री की तैयारी उस समय शुरु थी. महाराष्ट्र सरकार ने एअर इंडिया की ईमारत खरीदकर वहां मंत्रालय शुरु करे या मंत्रालय की ईमारत गिराकर नई विशाल ईमारत निर्माण करने की योजना थी, मगर वह योजना धरी रह गई. आग के बाद कई विभाग के कार्यालय मंत्रालय के बाहर अन्य जगह स्थानांतरित करना पडा. आग की घटना को 10 साल बीत गए, परंतु यहां की समस्या जैसे की वैसे ही बनी है.

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