मुंबई/दि.26 – मुंबई के भांडुप के ड्रीम माल के सनराइज अस्पताल में आगजनी का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस आगजनी में 11 मरीजो की मौत हो गई थी. 25 मार्च को 11 बजे रात को हुई इस भीषण दुर्घटना के 2 महीने बाद हादसे के समय का सीसीटीवी सामने आया है. सीसीटीवी के वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे ड्रीम माल के फर्स्ट फ्लोर की एक दुकान में आग लगने के बाद करीब रात साढ़े 11 बजे धुंआ ग्रोउंड फ्लोर से अस्पताल की तीसरी मंजिल पर पहुंचा और फिर अस्पताल में भगदड़ मच गई. सीसीटीवी में साफ नजर आ रहा है कि कैसे सनराइज अस्पताल के वार्ड बॉय, डॉक्टर्स नर्स और सिक्योरिटी स्टाफ एक-एक कोविड मरीज को लेकर ड्रीम माल की सबसे ऊपरी मंजिल के टेरेस पर लेकर जा रहे हैं. सीसीटीवी में यह भी दिख रहा है कि बीएमसी के जरिए खास बनाए गए इस कोविड अस्पताल में ज्यादातर मरीज जो बुजुर्ग थे, उन्हें व्हील चेयर के जरिए ले जाया जा रहा है.
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सीसीटीवी में दर्ज सनराइज अस्पताल के मरीजों का दर्द
25 मार्च को हुए सनराइज अस्पताल के हादसे से जुड़े इस सीसीटीवी के वीडियों में यह साफ नजर आ रहा है कि धुंआ अपनी तरफ आता देख कैसे इन मरीजो में दहशत फैल गई थी और ये कैसे पूरे अस्पताल में भगदड़ मच गई थी. कोरोना मरीज आग की ख़बर सुनकर बेहद तनाव में दिखाई दे रहे हैं. इस अफरातफरी में वे कभी इधर भाग रहे हैं, कभी उधर.
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स्वास्थ्यकर्मी वक़्त पर आए काम, मरीजों की बचाई जान
सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट पहने अस्पताल के स्टाफ कोविड मरीजों को रास्ता दिखाकर अपने साथ उनकी भी जान बचाते दिख रहे हैं. ये सीसीटीवी 25 मार्च की रात साढ़े 11 बजे का है. मुंबई के भांडुप इलाके के सनराइज अस्पताल में लगी ये आग करीब 4 घंटे तक लगी रही जिसमें माल का आधा हिस्सा,फर्स्ट फ्लोर,सेकंड फ्लोर जलकर पूरी तरह खाक हो गया. बता दें कि यह अस्पताल एक मॉल की तीसरी मंजिल पर चल रहा था. जिसे कोविड काल के संकट को ध्यान में रखते हुए परमिशन दे दी गई थी. आगजनी की घटना के बाद यह सवाल उठा था कि आखिर एक मॉल में अस्पताल चलाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है?
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ज्यादातर मरीज वेंटिलेटर या ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे
इस आगजनी में 11 मरीजों की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई थी. ये सभी वो मरीज थे जो वेंटिलेटर या ऑक्सिजन बेड पर थे. जब आग लगी तो अत्यधिक धुएं के कारण इनको वेंटिलेटर से निकाल पाना मुश्किल हो गया. वेंटिलेटर से निकालते ही इनकी जान ऑक्सीजन के अभाव में खतरे में पड़ जाती. यानी आगे कुआं, पीछे खाई वाली स्थिति सामने आ गई थी.
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वो खौफनाक हादसा, ये दर्दनाक दृश्य
इस सीसीटीवी फुटेज के वीडियो में यह मार्मिक दृश्य देखा जा सकता है कि कैसे एक-एक मरीज को टेरेस पर पहुंचाने के बाद अपनी जान जोखिम में डालकर ये अस्पताल कर्मी दोबारा नीचे आकर अस्पताल का एक-एक रूम चेक कर रहे हैं कि कोई मरीज रह तो नहीं गया. जब आग लगी तब अस्पताल में कुल 78 मरीज कोविड के थे. इनमें से 67 मरीजों को अस्पताल कर्मियों की मुस्तैदी की वजह से बचाने में कामयाबी मिल पाई थी. लेकिन दुर्भाग्य से उन 11 मरीजों की जान चली गई थी जो वेंटिलेटर पर थे. आज इस सनराइज अस्पताल में हुए हादसे ठीक 2 महीने पूरे हो गए है.