केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षकों के 11 हजार पद रिक्त
विद्यापीठ की स्थिति भी दयनीय ः महाराष्ट्र में 10 हजार पद रिक्त
नागपुर/दि.21– देश में उच्च शिक्षा एवं संशोधन को गति देने के अनेक दावे किए जाते समय देश की उच्च शिक्षा संस्था वर्षों से दुर्लक्षित होने का वास्तव है. केंद्रीय विद्यापीठ, आयआयटी, आयआयएम, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यापीठ सहित राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं में प्राध्यापक, सहयोगी प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापकों के 11 हजार से अधिक पद रिक्त है. यह आकड़ेवारी वर्ष 2019 की है. विगत दो वर्षों में रिक्त पदों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.
राष्ट्रीय स्तर के अनुसार राज्य में भी स्थिति अच्छी नहीं. यहां पर भी हजारों शिक्षकों के पद रिक्त हैं. 2017 से अकेले महाराष्ट्र के राज्य के विद्यापीठों में 10 हजार से अधिक प्राध्यापक, सहयोगी प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापक पद रिक्त होने की बात एक रिपोर्ट में कही गई है. इसमें अनुदानित व बिनाअनुदानित महाविद्यालयों को जोड़ने पर कुल रिक्त पदों की संख्या 40 हजार से अधिक हो सकती है. विशेष बात यह है कि राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय शैक्षणिक संस्थाओं में प्रति वर्ष शिक्षकों के पद रिक्त हो रहे हैं. मात्र भर्ती प्रक्रिया ज्यादा गति से नहीं होती. महाराष्ट्र में 2012 में विद्यापीठ के शिक्षकों के पद आखरी समय में भरे गए थे.
केंद्र व राज्य सरकार,विद्यापीठ अनुदान आयोग एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को उच्च शिक्षा एवं संशोधन संस्थाओं के रिक्त पदों की जानकारी नहीं, ऐसा नहीं. फिर भी पद भरने की बजाय ठेका शिक्षकों से काम करवाया जाता है. केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं में 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को ही फिर से ठेका पद्धति से अध्यापन के काम के लिए बुलाया जा रहा है.
राज्य के विद्यापीठ एवं महाविद्यालयों में भी ठेका पद्धति से शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश के पांच केंद्रीय विद्यापीठों में ऐसे 442 ठेका शिक्षकों की नियुक्ति की गई है.
केंद्रीय विद्यापीठ के रिक्त पदों की स्थिति (2011 तक)
पद मंजूर पद भरे गए रिक्त पद
प्राध्यापक 2,426 1,125 1,301
सहयोगी प्राध्यापक 4,805 2,620 2,185
सहायक प्राध्यापक 9,861 7,741 2,120
यहां भी स्थिति अच्छी नहीं (वर्ष 2019 तक)
संस्था रिक्त पद
आयआयटी 3,876
आयआयएम 403
इग्नू 190
महाराष्ट्र के विद्यापीठ 10,000