राज्य में 5 वर्ष दौरान 115 बाघों की मौत
24 बाघों का हुआ शिकार, 12 की हादसे में गई जान
* 10 ने करंट लगने से तोडा दम, सूचना अधिकार में सामने आयी जानकारी
नागपुर/दि.26 – राज्य में वर्ष 2018 से 2022 तक 5 वर्ष की कालावधि के दौरान 115 बाघों की अलग-अलग कारणों के चलते मौत हो गई. यद्यपि वन विभाग द्बारा शिकार को रोकने हेतु विविध उपाय योजनाओं का दावा किया जाता है. लेकिन इसमें समाधानकारक यश मिलता अब तक दिखाई नहीं दिया है. क्योंकि इस कालावधि के दौरान करीब 24 बाघों का शिकार किया गया. वहीं विभिन्न हादसों व बिजली का करंट लगने की वजह से 22 बाघों की जान गई.
सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय कोलारकर द्बारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी पर वनविभाग द्बारा उपरोक्त आंकडे पेश किए गए. जिसके तहत वन विभाग द्बारा दावा किया गया है कि, विगत 5 वर्षों में मृत हुए 115 बाघों में से सर्वाधिक 67 बाघों की नैसर्गिक मौत हुई है. लेकिन इन्हीं आंकडों के जरिए पता चला है कि, इन 5 वर्षों के दौरान 24 बाघों का शिकार किया गया है. यह अपने आप में बेहद धक्कादायक व सनसनीखेज जानकारी है. क्योंकि शिकार करने वाले लोगों पर नियंत्रण प्राप्त करने में वनविभाग को अपेक्षित यश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. इसके अलावा जंगल से होकर गुजरने वाले महामार्ग भी वन्यजीवों के लिए खतरनाक साबित हो रहे है. क्योंकि अब तक 12 बाघ तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर सडक हादसों का शिकार हो गए है. इसके अलावा खेतों के चारो ओर फसलों को वन्य प्राणी से सुरक्षित रखने हेतु लगाई जाने वाली कटिली तार में विद्युत प्रवाह छोडना भी वन्य प्राणियों के लिए काफी घातक साबित हो रहा है. क्योंकि विगत 5 वर्ष के दौरान 10 बाघों की मौत बिजली का करंट लगने की वजह से हुई है.
उल्लेखनीय है कि, विगत 5 वर्ष के दौरान सर्वाधिक 32 बाघों की मौत वर्ष 2021 में हुई. साथ ही जारी वर्ष के दौरान ही देश में 127 बाघों की मौत हुई है. इसके अलावा कोविड की महामारी के बाद देश में शिकार का प्रमाण अच्छा खासा बढ गया है. इस वर्ष भी राज्य में 7 बाघ शिकारियों का निशाना बने.
* वर्ष निहाय मृत्यु व कारण
वर्ष नैसर्गिक शिकार हादसा विद्युत प्रवाह कुल
2018 12 04 03 00 19
2019 09 05 03 00 17
2020 09 05 01 03 18
2021 19 07 01 03 32
2022 18 03 04 04 29
कुल 67 24 12 10 115
* वन विभाग में कई पद पडे है रिक्त
वन विभाग में वन संरक्षण की जबावदारी रहने वाले अनेकों पद रिक्त पडे हुए है. जिसकी वजह से व्याघ्र संरक्षण का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. राज्य में वनरक्षकों के 2 हजार से अधिक पद रिक्त है. विभागीय वन अधिकारी, वनक्षेत्रपाल एवं वनपाल के रिक्त पदों की वजह से कार्यरत कर्मचारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ आ रहा है.
* वन विभाग में मंजूर व रिक्त पदों की संख्या
पद मंजूर पद पद नियुक्ति रिक्त पद
मुख्य वनरक्षक 14 09 05
वन संरक्षक 23 11 12
विभागीय वन अधिकारी 19 28 81
सहायक वन संरक्षक 289 166 123
वन क्षेत्रपाल 991 887 104
वन रक्षक 9785 7466 2319