महाराष्ट्र

12 भाजपा विधायक सस्पेंड

महाराष्ट्र विधानसभा में गाली गलौज का आरोप

मुंबई/दि.५-महाराष्ट्र विधानसभा में गलत व्यवहार को लेकर 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है. यह निलंबन एक साल के लिए किया गया है. इन 12 विधायकों में अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे, आशिष शेलार, गिरिश महाजन, संजय कुटे, पराग अलवणी, राम सातपुते, हरीश पिंपले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, कीर्ति कुमार बागडिया के नाम हैं. संसदीय कामकाज मंत्री अनिल परब ने भाजपा विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव लाया जिसे ध्वनि मत से मंजूर कर लिया गया.
कार्रवाई के कारणों पर बोलते हुए तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने कहा कि ओबीसी आरक्षण से जुड़े प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी सदस्य अंदर आ गए. मुझे मां-बहन की गालियां दी गईं. गांव के गुंडों की तरह व्यवहार किया गया. महाराष्ट्र में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. आज का दिन एक काला दिन है.
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस निलंबन की कार्रवाई का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह सीधी-सीधी मैन्यूफैक्चर्ड कार्रवाई है. जो कि विधानसभा में हमारे नंबर कम करने के लिए की गई है. कल को राज्य सरकार मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन (Breach of Privilege Motion) का प्रस्ताव लाती है तो भी चलेगा. लेकिन मैं स्पष्ट कहता हूं कि विधानसभा के तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने खुद काफ़ी ग़लत बातें की हैं. निलंबन की इस कार्रवाई की तुरंत बाद भाजपा विधायकों ने बैठक बुलाई और आगे की रणनीतियों पर चर्चा शुरू की. आज शाम पौने छह बजे भाजपा विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से  मिलेंगे.
फडणवीस ने कहा कि आज ओबीसी आरक्षण के मामले पर जानबूझकर भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित किया गया है. हमने यह उजागर कर दिया कि किस तरह से अपनी नाकामियों की वजह से इनलोगों ने आरक्षण गंवाया है, इसलिए यह कार्रवाई की गई है. 106 विधायकों को सस्पेंड किया जाएगा तब भी हमारी लड़ाई जारी रहेगी. भाजपा के किसी भी MLA ने गाली गलौज नहीं की है. उन्होंने कहा कि गालीगलौज किसने की है, यह सबको पता है. पहले शिवसेना विधायकों ने धक्कामुक्की की तब भाजपा विधायक आक्रामक हुए. जो कुछ भी हुआ था, उस पर हमारी तरफ़ से माफ़ी मांगी गई थी, उसके बावजूद निलंबित किया गया. सच सामने आएगा. ठाकरे सरकार चाहती ही नहीं है की ओबीसी समाज को आरक्षण मिले. एकैडमिक चर्चा में तीखी नोंक-झोंक स्वाभाविक है. लेकिन किसी ने कोई गाली-गलौज नहीं की. अगर किसी ने गाली दी तो रिकॉर्ड सुनाएं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसका शक हमें पहले ही था कि इस तरह की कोई कार्रवाई की जाएगी. शक सही साबित हुआ. लेकिन हम ओबीसी आरक्षण के लिए लड़ाई को जारी रखेंगे.

  • सभागृह में आखिर क्या हुआ ?

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल  (Cabinet Minister of Food and Civil Supply) ने ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र से इम्पिरिकल डाटा की मांग करने का प्रस्ताव लाया. इस पर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस  ने भाजपा की ओर से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो करने को कहा है, उस मुताबिक काम करें. ऐसा करने से सिर्फ टाइमपास होगा आरक्षण नहीं मिलेगा. डाटा जुटाने गी जिम्मेदारी राज्य पिछड़ा आयोग का काम है. इस पर भुजबल ने कहा कि उज्ज्वला गैस के लिए केंद्र डाटा का इस्तेमाल करती है, वह ओबीसी आरक्षण के लिए क्यों नहीं दिया जाता? इस पर फडणवीस ने आपत्ति उठाई. इसे तालिका अध्यक्ष (Table President) ने स्वीकार नहीं किया. अध्यक्ष ने भुजबल से कहा कि वे बोलना जारी रखें. इससे भाजपा विधायक भड़क गए. इसके बाद कुछ विधायक टेबल प्रेसिडेंट के सामने वेल में आकर घोषणाबाजी करने लगे. इनमें से एक विधायक ने उनका माइक मोड़ दिया. टेबल प्रेसिडेंट का आरोप है कि उनके साथ गाली गलौज की गई.

 

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