अमरावतीमहाराष्ट्र

1371 मरीजों को हाथीरोग

क्यूलेक्स प्रजाति का मच्छर काटने से होता है हाथीरोग

* स्वास्थ्य विभाग की जानकारी
अमरावती /दि.24– हाथीरोग यह अनदेखी बीमारी है. इसमें हाथी पैर और अंड वृद्धि के लक्षण दिखाई देते है. यह दोनों बीमारी सामाजिक दृष्टि से काफी संवेदनशील है. हाथी पैर के मरीजों में एक निश्चित वृद्धि के बाद मरीज की गतिविधियों पर अनेक बंधन आ जाते है. मरीज मुक्त तरीके से घूम नहीं सकता. जिले में 1210 हाथी पैर तथा 161 अंड वृद्धि ऐसे कुल 1371 हाथीरोग मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास दर्ज है.
क्यूलेक्स प्रजाति का मच्छर काटने के बाद हाथीरोग होती है. यह मच्छर ‘बुचेरिया बैनक्रॉफ्टिया’ यह परजीव जंतू का वाहक रहता है. यह मच्छर काटने के बाद हाथीरोग के जंतू मनुष्य के शरीर में छोडता है. यह जंतू काटे हुए स्थान से अथवा अन्य स्थान से त्वचा से शरीर में प्रवेश करते है. हाथीरोग के जंतू के शरीर में प्रवेश करने के बाद लक्षण जल्द दिखाई नहीं देते.

* कौनसी सावधानी रखनी चाहिए?
जिस मरीज में मायक्रो फायलेरिया दिखाई देता है, ऐसे मरीजों को डीईसी गोली 6 मिली ग्राम प्रति किलो शरीर का वजन के मुताबिक 12 दिन लेना जरुरी है. मरीज द्वारा पैर की स्वच्छता रखने और सावधानी बरतने तथा शारीरिक व्यायाम करना चाहिए. हाथीरोग के तीव्र लक्षण के लिए वैद्यकीय सलाह से उचित उपचार लेना आवश्यक है.

* महिला मरीज की संख्या अधिक
जिले में हाथीरोग के कुल 1371 मरीज है. इसमें 161 मरीजों में अंड वृद्धि है तथा शेष 1210 मरीजों में सर्वाधिक 858 महिला मरीज रहने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास दर्ज है.

* 220 मरीजों को दिव्यांग प्रमाणपत्र
हाथीरोग बीमारी वाले मरीजों के पैर में सुजन आने के बाद पैर तथा मरीज की गतिविधियों पर पाबंदी आती है. इस कारण ऐसे मरीजों को दिव्यांग प्रमाणपत्र देने का निर्णय राज्य शासन ने लिया है. जिले में 361 मरीजों की जांच कर उसमें से 220 मरीजों को दिव्यांग प्रमाणपत्र दिया गया है.

* अंड वृद्धि वाले 24 मरीजों की जांच
अंड वृद्धि के लक्षण वाले हाथीरोग मरीजों पर शस्त्रक्रिया कर उनकी तकलीक कुछ प्रमाण में कम की जा सकती है. जिले में 161 अंड वृद्धि लक्षण वाले मरीज है. इसमें के 24 मरीजों की एक साल में शस्त्रक्रिया किये जाने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले हाथीरोग निर्मूलन विभाग के अधिकारियों ने दी.

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