महाराष्ट्र

शिंदे के कार्यालय में 146 व फडणवीस के कार्यालय में 72 कर्मचारी

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के कार्यालय को लेकर आदेश जारी

मुंबई/दि.26– मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री कार्यालय की आस्थापना में 146 तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में 72 कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी. साथ ही सभी मंत्रियों के कार्यालयों में 15-15 कर्मचारी नियुक्त किये जायेंगे. इससे संबंधित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को जारी किया.
उल्लेखनीय है कि, अभी राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होना बाकी है. लेकिन सभी मंत्रियों के कार्यालयों में कितने कर्मचारी नियुक्त रहेंगे, यह अभी से निश्चित कर दिया गया है. हालांकि इससे पहले आघाडी सरकार सहित पिछली फडणवीस सरकार में मंत्रियों के पास पीए, पीएस व ओएसडी रह चुके लोगों ने नई सरकार में भी अपना नंबर लगने हेतु फिल्डींग लगना शुरू कर दिया है. जिसके तहत मंत्री पद की स्पर्धा में रहनेवाले विधायकों के पास अपना बायोडाटा देते हुए उनसे निवेदन करने की स्पर्धा शुरू हो गई है. हालांकि ऐसे अधिकारियों को विधायकों द्वारा यह जवाब देकर लौटाया जा रहा है कि, अभी हमारे मंत्री पद का ही कोई अता-पता नहीं है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस बारे में कोई अता-पता ही नहीं लगने दे रहे है. पहले हमारा तो कुछ तय हो जाये, फिर देखते है.
* उधारी का लेन-देन होगा बंद
हमेशा ही राज्य सरकार द्वारा एक आदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों के कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या निश्चित कर दी जाती है. लेकिन हकीकत में जाने-अनजाने में इससे अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों की भरती व नियुक्ती होती है. यह अब तक का अनुभव है. जिसके तहत मंजुर पदों से अधिक कर्मचारी उधारी पर यानी लोन बेसीस पर लाये जाते है. जिसके लिए इन कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में ही नौकरी पर दिखाया जाता है और उनका वेतन भी उनके मूल कार्यालय द्वारा ही अदा किया जाता है. लेकिन हकीकत में वे कर्मचारी मंत्रियों के कार्यालय में काम करते है. यह नियमबाह्य भरती और लोन बेसिस पर होनेवाली नियुक्ति नई सरकार में बंद होगी अथवा नहीं, इसे लेकर उत्सूकता देखी जा रही है.
* ज्यादा वेतन श्रेणीवाले निचले पदों पर काम करते है
सहसचिव व उपसचिव रहनेवाले अधिकारी, कुछ उपजिलाधिकारी, कार्यकारी अभियंता एवं विविध महकमोें में बडे पदों पर रहनेवाले अधिकारी भी मंत्रियों के पीएस, पीए व ओएसडी के तौर पर काम करने के लिए आते है. उनके मूल पद की वेतन श्रेणी अधिक होती है. लेकिन वे मंत्रियों के पास कम वेतन श्रेणीवाले पदों पर काम करना स्वीकार करते है. अधिक वेतनश्रेणी रहनेवाले अधिकारियों द्वारा कम वेतन वेतनश्रेणी पर काम करना और इसकी ऐवज में अपनी मूल आस्थापना से अपनी मूल वेतन श्रेणी लेना एक तरह से सरकार का नुकसान ही है. इस पध्दति को भी नई सरकार द्वारा बंद किया जायेगा अथवा नहीं इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

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