शराब लाइसेंस में 15 फीसदी बढोत्तरी हुई वापस
लॉकडाउन के चलते शराब व्यवसायियों को मिली राहत
मुंबई/दि.24 – कोरोना की वजह से हुए नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने शराब बिक्री से जुडे लाइसेंस शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया है. बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है. बैठक में साल 2020-21 के लिए शराब बिक्री के लाइसेंस शुल्क में की गई 15 प्रतिशत की वृद्धि को भी वापस लेने का निर्णय लिया गया.
सरकार के इस निर्णय से एफएल-3 लाइसेंस धारकों को शुल्क में 50 प्रतिशत, एफएल-4 लाइसेंस शुल्क धारकों को 50 प्रतिशत, फार्म-ई वालों को 30 प्रतिशत, फार्म ई-2 वालों को शुल्क में 30 प्रतिशत की छूट दी गई है. जिन लाइसेंस धारकों ने शुल्क का भुगतान कर दिया है उन्हें इस छूट का लाभ अगले लाइसेंस नूतनीकरण के दौरान दिया जाएगा. सरकार ने चालू वर्ष (2020-21) के लिए शुल्क की प्रस्तावित 6 प्रतिशत बढोत्तरी को भी वापस ले लिया है.
गौरतलब है कि, शराब बिक्री से जुडे लाइसेंस का शुल्क सरकार के लिए राजस्व का बडा स्त्रोत है. 5 अक्टूबर 2020 से उपहार गृह व रेस्टोरेंट (परमिट रुम) को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन की छूट दी गई है. इस लिहाज से इनका कारोबार सिर्फ 50 प्रतिशत हो रहा है. बार व रेस्टोरेंट को शराब के अपने पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए 19 मई 2020 को शराब बेचने की इजाजत दी गई थी. शराब की दुकानों में हो रही भीड को रोकने के लिए रेस्टोरेंट को भी शराब बेचने की इजाजत दी गई थी. शराब विक्रेताओं को होम डिलीवरी की भी सहूलियत दी गई थी. लेकिन इस दौरान भी उनका कारोबार प्रभावी ढंग से नहीं हुआ. कई महीनों तक इनका कारोबार बंद था. इन तमाम पहलूओं को ध्यान में रखते हुए शराब विक्रेताओं को लाइसेंस शुल्क में छूट देने का निर्णय किया गया है. सरकार ने 2020-21 कोरोबारी वर्ष के लिए भी 6 फीसदी बढोत्तरी को वापस ले लिया है.