15 साल करें वैक्सीनेशन की उम्र
स्वास्थ्य कर्मचारियों को दें बूस्टर डोज,’ ओमीक्रॉन के खतरे को देख आदित्य ठाकरे ने की केंद्र से मांग
मुंबई दी ७ –मुंबई में सोमवार को ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित 2 लोग पाए गए. इससे महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. फिलहाल देश में ओमीक्रॉन संक्रमित मरीजों की संख्या 23 है. ऐसे में मुंबई के संरक्षक मंत्री आदित्य ठाकरे ने ओमीक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं. आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है. यह जानकारी उन्होंने अपने ट्वविटर हैंडल में भी शेयर की है.आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार के सामने दो अहम मांगें रखी हैं. उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए योग्यता की उम्र सीमा 18 से घटा 15 करने की सिफारिश की है. साथ ही स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की इजाजत मांगी है. इसके अलावा उन्होंने वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतर को कम करने की भी मांग की है.
आदित्य ठाकरे ने मनसुख मंडाविया को लिखे पत्र में यह लिखा
आदित्य ठाकरे ने अपने पत्र में लिखा है कि, ‘पिछले कुछ महीनों से भारत में कोरोना रोधी वैक्सीनेशन मुहिम काफी जोरदार तरीके से शुरू है. देश और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आने के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई है और जनजीवन सामान्य हुआ है और आर्थिक व्यवहार पटरी पर लौट आया है. लेकिन ठीक इसी वक्त ओमीक्रॉन के खतरे ने चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में मैं आपका ध्यान दो बातों पर दिलाना चाहता हूं.’
आगे आदित्य ठाकरे ने लिखा है कि, ‘इस साल की शुरुआत में कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके कोरोना योद्धा और स्वास्थ्य कर्मचारियों को तीसरी डोज (बूस्टर डोज) देने की इजाजत दें. इसके अलावा एक और बात कहनी थी कि मेरी अलग-अलग डॉक्टरों के साथ हुई चर्चा में यह निष्कर्ष सामने आया है कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए निम्ननतम आयु सीमा 18 की बजाए 15 की जाए. अगर ऐसा किया जाता है तो हाई स्कूल और जूनियर कॉलेजों में पढ़ने वालों को कोरोना सुरक्षा कवच दिया जा सकता है.’
वैक्सीनेशन तेज करने के लिए दो डोज के बीच कि अवधि कम करने की मांग
आगे आदित्य ठाकरे ने लिखा है कि, ‘एक और बात जो कहनी थी वो यह कि मुंबई में 100 फीसदी लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन की पहली डोज और 73 फीसदी लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. दो डोज के बीच की अवधि अगर कम कर चार हफ्तों की कर दी जाए तो जिस तरह से विदेश जाने वाले विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन तेजी से पूरा किया जाता है, उसी तरह से मुंबई के सभी योग्य नागरिकों को जनवरी के मध्य तक दोनों डोज दी जा सकेगी. इसके लिए वर्तमान स्टॉक की तुलना में वैक्सीन की बहुत ज्यादा डोज की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. ‘