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कोविड के बाद फुफ्फुस संक्रमण के मरीजोें में 16 गुना वृध्दि

तीन साल में फुफ्फुस के मरीजों की संख्या 5,306 से 86,307 तक पहुंची

* मरीजों में दम फूलने के साथ ही बढ रही अन्य कई समस्याएं
मुंबई/दि.7– कोविड वायरस ने कोविड संक्रमित मरीजों के शरीर में सबसे बडा आघात फुफ्फुसों यानी फेफडों पर किया है. कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक होनेवाले मरीजों के फुफ्फुस संबंधी बीमारी से ग्रस्त होने का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. ऐसे में फुफ्फुस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त रहनेवाले मरीजों की संख्या में 16 गुना वृध्दि हुई है. ऐसा विगत तीन वर्षों के आंकडों को देखते हुए कहा जा सकता है. जिसके मुताबिक महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना अंतर्गत सन 2019 तक फुफ्फुस संबंधी बीमारियोें के लिए भरती होनेवाले मरीजों की संख्या 5 हजार 306 थी, जो सन 2022 में बढकर 86 हजार 307 पर जा पहुंची है. इससे ही मामले और स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक हो जानेवाले मरीजों के शरीर में खून के थक्के जमने के कई मामले इन दिनों सामने आ रहे है. वहीं अब फुफ्फुस संबंधी बीमारियोें का भी प्रमाण बढने की जानकारी सामने आयी है. जिसमें पता चला है कि, कोविड वायरस का संक्रमण श्वसन मार्ग से होते हुए फुफ्फुस तक पहुंचने के चलते फुफ्फुसों का कुछ हिस्सा अपेक्षाकृत तौर पर कडा व सख्त हो जाता है और उनकी कार्यक्षमता घट जाती है. ऐसे में कोविड संक्रमण की चपेट में आनेवाला मरीज आगे चलकर ठीक हो जाने के बाद भी उसके फुफ्फुस पहले की तरह पूर्ववत व सामान्य नहीं हो पाते. बल्कि इसमें थोडा समय लगता है. ऐसे में कुछ समय पश्चात संबंधित मरीजों को सांस फुलने, थकान आने जैसी समस्याओें का सामना करना पडता है. जिनकी जांच करने पर फुफ्फुस की क्षमता घट जाने और फुफ्फुस संबंधी बीमारियों का संक्रमण बढ जाने की जानकारी सामने आ रही है.

* तीन वर्ष में बढी मरीजों की संख्या
सरकारी व निजी स्वास्थ्य सेवा में इलाज करवानेवाले मरीजोें की संख्या एक ही स्थान पर संकलित नहीं हो पाती. ऐसे में कोविड पश्चात होनेवाली बीमारियों की एकत्रित जानकारी व आकडेवारी एकसाथ उपलब्ध नहीं है. हालांकि महात्मा ज्योतिराव फुले जनआरोग्य योजना अंतर्गत लाभार्थी मरीजों पर किये गये इलाज की जानकारी व आंकडे जरूर उपलब्ध है. जिसके चलते कुछ हद तक तुलनात्मक प्रमाण की गणना करना संभव है. जिसमें फुफ्फुस के संक्रमण और इस पर किये जानेवाले इलाज के प्रमाण में विगत तीन वर्षों के दौरान वृध्दि होने की जानकारी सामने आयी है.

* कोविड काल में 63,258 हो गई थी मरीज संख्या
वर्ष 2019-20 में जनआरोग्य योजना अंतर्गत कुल 5 हजार 306 मरीजों ने फुफ्फुस संक्रमण संबंधी बीमारियों का इलाज करवाया था. जिसके लिए 12 करोड रूपये की निधी दी गई थी. वहीं वर्ष 2020-21 में फुफ्फुस संक्रमित मरीजों की संख्या 63 हजार 258 पर जा पहुंची थी और इसके बाद वर्ष 2021-22 में इन मरीजों की संख्या सीधे 86 हजार 307 पर जा पहुंची. कुल जनसंख्या की तुलना में इस योजना अंतर्गत इलाज करवानेवाले और पंजीयन करानेवाले मरीजोें की संख्या यद्यपि काफी मर्यादित है. लेकिन इसके बावजूद फुफ्फुस संक्रमित मरीजोें की संख्या लगातार बढ रही है. जिनके इलाज पर होनेवाले खर्च का प्रमाण भी काफी अधिक बढ रहा है.

* वर्षनिहाय मरीजोें की संख्या व इलाज पर हुआ खर्च
वर्ष          मरीज संख्या     इलाज पर खर्च
2019-20   5,306               12 करोड
2020-21   63,258            57 करोड
2021-22   86,307            140 करोड

* ये लक्षण दिख रहे हैं
कई दिनों तक ठीक नहीं होनेवाली खांसी, क्रॉनिक कफ तथा पैदल चलते या सीढिया चढते समय सांस फूलना.

* इन उपायों पर ध्यान देना जरूरी
दीर्घ श्वसनवाले व्यायाम, प्राणायाम, तेज चलना व जॉगींग करना

* कोविड मुक्त हो चुके मरीज की छात्री का एक्स-रे
फुफ्फुस के निचले हिस्से में संक्रमण के संकेत यानी निशान एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी कायम है.

 

 

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