अमरावतीमहाराष्ट्र

एक साल में 19,392 को डायरिया

दूषित पानी से जिले में बढ रही जलजन्य बीमारी

अमरावती /दि. 13– जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के कई गांवों में होनेवाली दूषित पानी की आपूर्ति के चलते जिले में जलजन्य बीमारियों का प्रमाण बडे पैमाने पर बढ गया है. गत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह के दौरान जिले में करीब 19 हजार 392 लोगों को डायरिया होने की जानकारी जिला स्वास्थ विभाग द्वारा दर्ज की गई है.
समय-बेसमय भोजन, दूषित अन्न व पानी तथा कुछ दवाईयों के सेवन की वजह से पेट संबंधि बीमारियां होती है. जिसमें से एक डायरिया यानी अतिसार का भी समावेश है. सामान्य तौर पर छोटे एवं किशोरवयीन बच्चों में इस बीमारी का प्रमाण कुछ अधिक दिखाई देता है. जिन्हें जुलाब होने के साथ ही शरीर में पानी की कमी होकर स्थिति कम होकर स्थिति गंभीर हो सकती है. बारिश के दिनों में यह समस्या विविध कारणों के चलते कुछ अधिक प्रमाण में दिखाई देती है. जिले में गत वर्ष 19 हजार 392 मरीजों को डायरिया होने की जानकारी सामने आई है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय रहा कि, अगस्त व सितंबर माह के दौरान मेलघाट परिसर के करीब 10 से 12 गांवों में डायरिया का काफी अधिक प्रकोप हुआ था.

* डायरिया में पाचनक्रिया पर गंभीर परिणाम
जब किसी व्यक्ति को डायरिया होता है तो उसकी पाचनक्रिया पर गंभीर परिणाम होता है तथा उस व्यक्ति को पतले दस्त होने शुरु हो जाते है. यह डायरिया का बेहद सामान्य लक्षण है. जो काफी गंभीर नहीं होता. कई लोगों को सालभर के दौरान अक्सर ही जुलाब होने की तकलीफ होती है और 2 से 3 दिनों में यह तकलीफ ठीक भी हो जाती है.

* 593 को डिसेंट्री
जिले में सालभर के दौरान आमांश यानी डिसेंट्री के 593 मरीज पाए जाने की जानकारी स्वास्थ विभाग द्वारा दर्ज की गई है. इस बीमारी में आंतों का संसर्ग खोकर श्लेष्मा का मिश्रण होते हुए रक्तरंजित मल निकलता है. यह जिवाणू, विषाणू व परजीवी संसर्ग की वजह से होनेवाली बीमारी है.

* टाईफाईड 5703 मरीज
जिले में विगत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह के दौरान टाईफाईड के 5 हजार 703 मरीज पाए गए. वहीं जनवरी 2025 में टाईफाईड के 310 मरीज पाए जाने की जानकारी सामने आई है. दूषित पानी व दूषित अन्न की वजह से टाईफाईड की बीमारी होती है और यह बीमारी होने के लिए कोई वायरस कारणीभूत नहीं होता. साथ ही यह बीमारी संसर्गजन्य भी नहीं है.

* 100 को गैस्ट्रो व 50 को हिपेटाईटिस
विगत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह की कालावधि के दौरान 100 लोगों को पेट व आंत के भीतर जलन पैदा करनेवाली गैस्ट्रो की बीमारी होने की जानकारी भी सामने आई है. इसके साथ लिवर में जलन पैदा करनेवाली हिपेटाईटिस की बीमारी 52 लोगों को हुई. यह बीमारियां भी दूषित पानी व दूषित अन्न का सेवन करने की वजह होती है, ऐसी जानकारी स्वास्थ विभाग की ओर से जारी की गई है.

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