महाराष्ट्र

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर से देश में हुआ 2 लाख करोड का नुकसान

उत्पादन क्षेत्र पर पडा परिणाम, आरबीआय ने की समीक्षा

मुंबई/दि.19 – कोविड संक्रमण की पहली लहर के बाद गतिमान हुए वित्तीय चक्र को संक्रमण की दूसरी लहर ने ब्रेक लगा दिया और दूसरी लहर का सर्वाधिक प्रभाव रहनेवाले अप्रैल व मई माह के दौरान देश की उत्पादकता पर काफी बडा परिणाम हुआ. उत्पादन घट जाने की वजह से देश को करीब दो लाख करोड रूपयों का नुकसान हुआ है. ऐसी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई समीक्षा के जरिये सामने आयी है.
ज्ञात रहें कि, दूसरी लहर की वजह से सभी राज्यों में लॉकडाउन अथवा कठोर प्रतिबंध लगाये गये थे. जिसके चलते देशांतर्गत मांग में कमी आयी और इसका घरेलू उत्पादन पर काफी बडा परिणाम हुआ. यह नुकसान करीब 2 लाख करोड रूपयों के आसपास रहने का अनुमान आरबीआय द्वारा व्यक्त किया गया है. आरबीआय के अधिकारियों द्वारा ‘स्टेट ऑफ इकॉनॉमी’ के बारे में लिखे गये लेख में कहा गया है कि, दूसरी लहर ने छोटे शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में लिया था. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से होनेवाली मांग पर विपरित परिणाम हुआ और देश को काफी बडे नुकसान का सामना करना पडा. इस लेख में यह भी कहा गया है कि, केवल वैक्सीनेशन के जरिये ही यह वायरस नष्ट नहीं होगा, बल्कि इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा. इसके साथ ही संशोधन व लॉजीस्टिक के क्षेत्र में निवेश भी बढाना होगा.

दूसरी लहर के चलते देशांतर्गत विमानयात्री घटे

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से देशांतर्गत विमानयात्रा पर भी काफी बडा परिणाम हुआ है. अप्रैल माह के दौरान 57 लाख लोगोें ने देशांतर्गत विमानयात्रा की थी. वहीं मई माह के दौरान यह संख्या 21 लाख पर आ गई यानी एक ही माह के दौरान यात्रियों की संख्या में 63 फीसदी की कमी आयी. यह जानकारी ‘डीजीसीए’ द्वारा दी गई है. जिसके मुताबिक मई माह में सर्वाधिक 16 लाख यात्रियों ने ‘इंडिगो’ से यात्रा की. वहीं 2 लाख यात्रियों ने ‘स्पाईस जेट’ का प्रयोग किया.

उम्मीद की किरण कायम

ऐसे हालात के बीच भी कृषि क्षेत्र सहित मानवी स्पर्श विरहित सेवाओं में वृध्दी हुई और अब धीरे-धीरे औद्योगिक उत्पादन में भी वृध्दी होने की शुरूआत हुई है. यह एक सकारात्मक संकेत है. साथ ही व्यापक स्तर पर होनेवाले टीकाकरण की वजह से भी आर्थिक सुधारों को गति मिलेगी.

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