मुंबई/दि.27 – शिवसेना विधायकों की अपात्रता के मामले की सुनवाई ने अब रफ्तार पकड लिया तथा विधानसभा अध्यक्ष के सामने नियमित सुनवाई हो रही है. वहीं अब यह माना जा रहा है कि, शिंदे गुट वाली शिवसेना के दो विधायकों के सिर पर टंगी अपात्रता के खतरे की तलवार दूर हो सकती है. चूंकि विधायक मनीषा कायंदे व विप्लव बाजोरिया का विधान परिषद में कार्यरत आगामी कुछ माह में खत्म होने वाला है और फिलहाल विधायकों की अपात्रता के मामले का फैसला कब तक आएगा, यह निश्चित नहीं है. जिसके चलते इन दोनों विधायकों के इससे बच जाने की उम्मीद जताई जा रही है. यदि ऐसा होता है, तो इससे शिंदे गुट को काफी राहत मिल सकती है.
बता दें कि, ठाकरे गुट ने विधानसभा की तरह ही विधान परिषद के विधायकों की अपात्रता को लेकर याचिका दाखिल की है. विधान परिषद का सभापति पद फिलहाल रिक्त है और उपसभापति डॉ. निलम गोर्हे खुद अपने खिलाफ रहने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्णय नहीं दे सकती है. जिसके चलते इस मामले में फिलहाल सुनवाई होने के आसार कम है. ज्ञात रहे कि, कुछ दिन पहले ही विधान परिषद की उपसभापति डॉ. निलम गोर्हे तथा विधायक डॉ. मनीषा कायंदे व विप्लव बाजोरिया ने शिंदे गुट में प्रवेश किया था. इसके पश्चात इन तीनों के खिलाफ ठाकरे गुट ने याचिका दायर की है.