महाराष्ट्र

20 लाख ‘होम कोरोंटाईन’ लोग बढा रहे सरकार की चिंता

राज्य के कोविड अस्पतालों में 74 फीसदी बेड रिक्त

मुंबई/दि.१ – राज्य के कोविड अस्पतालों में इस समय केवल 26 फीसदी बेड पर कोविड संक्रमित मरीज भरती है और 74 फीसदी बेड खाली पडे है. किंतु इसी समय जहां 14 हजार 981 लोगों को कोविड केयर सेंटरों में आयसोलेट किया गया है, वहीं 20 लाख 53 हजार 329 एसिम्टोमैटिक मरीजों को होम कोरोंटाईन के तहत उनके ही घरों पर रखा गया है. किंतु इसमेें से कई लोगों द्वारा कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों एवं होम कोरोंटाईना की शर्तों का कडाई पूर्वक पालन नहीं किया जाता और वे कोरोंटाईन की अवधि खत्म होने से पहले ही अपने घर से बाहर घुमना-फिरना शुरू कर देते है. जिसकी वजह से नियंत्रण में आ रहा कोविड संक्रमण एक बार फिर बढने का खतरा बन जाता है. ऐसे में अब प्रत्येक जिले में संस्थात्मक कोरोंटाईन की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत सरकार द्वारा व्यक्त की गई है.
हालांकि फिलहाल सरकार द्वारा इस बात का पूरा खयाल रखा जा रहा है कि, घरों में रहनेवाले लोगों की वजह से कोविड संक्रमण न फैले. इस समय राज्य में 20 लाख 76 हजार 576 एक्टिव पॉजीटीव मरीज है. जिसमें से अस्पताल में भरती होनेवाले मरीजों की संख्या काफी कम है. इन 20 लाख मरीजों में से 12 लाख 60 हजार मरीज अकेले मुंबई, ठाणे, पुणे, सातारा, नागपुर व कोल्हापुर इन 6 जिलों में है. हिंगोली जिले में कोई भी व्यक्ति होम कोरोंटाईन नहीं है. वहीं वर्धा, गोंदिया, नंदूरबार व भंडारा जिले में 5 हजार से कम लोग होम कोरोंटाईन में रखे गये है. ऐसी जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, यदि होम कोरोंटाईन किये गये लोगों द्वारा नियमों का पालन किया जाये, तो उन्हेें संस्थात्मक कोरोंटाईन में भेजने की जरूरत नहीं पडेगी.

  • क्या होता हैं होम कोरोंटाईन

– पॉजीटीव मरीजोें के संपर्क में आनेवाले अन्य राज्यों व विदेशों से वापिस लौटनेवाले तथा लक्षणों के आधार पर 7 से 14 दिन तक दूसरों से अलग रहने हेतु निर्देशित किये गये व्यक्ति.
– पॉजीटीव रहने की संभावना रहनेवाले तथा पॉजीटीव रहने के बावजूद जिनमें कोई लक्षण नहीं है और जिनके घर में अलग रहने की व्यवस्था है, ऐसे व्यक्तियों को होम कोरोंटाईन में रखा जाता है.

– सरकार को यदि होम कोरोंटाईन पूरी तरह से बंद करना है, तो उसे प्रत्येक जिले में 25 हजार से 3 लाख बेड की सुविधा उपलब्ध करानी होगी. इसके साथ ही डॉक्टर व नर्सों की भी व्यवस्था करनी होगी. चूंकि अब बारिश का मौसम शुरू होने में है. ऐसे में इस तरह की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए कई करोड रूपयों का खर्च भी करना पडेगा.
– कोविड संक्रमण खत्म होने के बाद ऐसी तमाम व्यवस्थाएं किसी काम की नहीं रहेगी. ऐसे में सरकार द्वारा इसकी बजाय जिलास्तरीय अस्पतालों व मेडिकल कालेजों के मजबूतीकरण पर ध्यान देते हुए डॉक्टर, नर्स व वॉर्ड बॉय की व्यवस्था की जानी चाहिए, यह ज्यादा जरूरी है. ऐसा एक वरिष्ठ वैद्यकीय अधिकारी का कहना रहा.

वेेंटिलेटर बेड बढाये जाने की सख्त जरूरत है. यदि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आती है और मरीजों की संख्या बढती है, तो वेंटिलेटर बेड की काफी किल्लत हो सकती है. इस दृष्टि से तत्काल प्रयास किये जाने की जरूरत वरिष्ठ वैद्यकीय अधिकारियों द्वारा व्यक्त की गई है.

  • राज्य में कितनी सुविधाएं

कुल अस्पताल – 6,688
कुल बेड – 4,74,467
ऑक्सिजन बेड – 1,05,809
आयसीयू बेड – 32,427
वेंंटिलेटर बेड – 12,691

  • किस जिले में कितने होम कोरोंटाईन

‘लखपति’ जिले
ठाणे – 3,00,436
मुंबई – 2,93,012
पुणे – 2,14,304
सातारा – 1,84,488
नागपुर – 1,62,500
कोल्हापुर – 1,05,580

– 50 हजार से अधिक वाले जिले
पालघर – 84,420
सोलापुर – 80,374
सांगली – 76,674
अहमदनगर – 61,615
जलगांव – 51,265

– 25 से 50 हजार मरीजवाले जिले
उस्मानाबाद – 42,527
बुलडाणा – 39,659
चंद्रपुर – 39,491
अकोला – 37,522
रायगड – 36,276
जालना – 35,258
अमरावती – 32,005
औरंगाबाद – 26,147
रत्नागिरी – 25,668

– सबसे कम होम कोरोंटाईनवाले जिले
हिंगोली – 00
वर्धा – 2,320
गोंदिया – 3,263
नंदूरबार – 3,546
भंडारा – 4,912

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