मुंबई/ दि.26 – राज्य चुनाव आयोग ने चौंकाने वाली जानकारी दी है. आयोग के मुताबिक राज्य में 20 लाख मतदाता फर्जी हैं. इतना ही नहीं तो 11 लाख मतदाताओं की एन्ट्री भी संदिग्ध है, इसी तरह की फोटो प्रविष्टियों को खोजने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाया गया है. यह जानकारी तब सामने आई है जब इस सॉफ्टवेयर के जरिए मतदाता सूची का सत्यापन किया गया. इस एप से जब मतदाता सूचियों का सत्यापन किया गया तो 47 से 48 प्रतिशत संदिग्ध प्रविष्टियां मिलने पर आयोग भी हैरत में पड़ गया. इसलिए इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद इन प्रविष्टियों को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
अपलोड करते समय कई तकनीकी त्रुटियों का भी पता चलने की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने दी. चुनाव आयोग के दावे से राजनीतिकों में भी सनसनी मच गई है. पत्रकार परिषद में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि गलतियां और सुधार दोनों की प्रक्रिया चल रही है.
इसे 15 अगस्त तक पूरा करने की योजना है. हाल ही में चुनाव अधिनियम में कई बदलाव किये गए है. ये सभी बदलाव 1 अगस्त 2022 से पूरे देश में लागू कर दिए जाएंगे. यह प्रक्रिया अप्रैल 2023 तक चलेगी. नए बदलाव के मुताबिक अब मतदाता के लिए सही जानकारी देना अनिवार्य है. देशपांडे ने कहा कि इसकी गोपनीयता का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने का प्रावधान किया गया है.
कानून की यह सख्त बाध्यता चुनाव आयोग के कर्मचारियों पर भी लागू होने की जानकारी देशपांडे ने दी. आधार बनाने वाली एजेंसियों को विशेष पड़ाव दिया गया है. पंजीकरण / संशोधन की सुविधा भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है. मतदाताओं का आधार ओटीपी के माध्यम से मतदाताओं का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा. मतदाता इसका उपयोग वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिए भी कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि बूथ स्तर के कर्मचारियों के लिए फार्म संख्या 6 बी भर कर पंजीयन की सुविधा प्रदान की गयी है.
यह किये गए बदलाव
– मतदाता 1 जनवरी से पहले योग्य होंगे.
– अब हर तीन माह का पहला दिन होगा क्वालीफाईंग डेट
– युवा मतदाताओं को मिलेगा अधिक वोटिंग का मौका
– पोस्टल वोटिंग में स्पाऊ स शब्द का दायरा बढाया
– अब पत्नी को मिलेगा पति के समान अधिकार
– मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं को आधार कार्ड से जोडा जाएगा.
– वोटर को मिलेगा आधार और वोटिंग से जुडी सभी सुविधाएं
– आधार से सही मतदाताओं की पहचान करने में सहायता होगी.
– आधार नंबर प्राप्त्ा करने की प्रक्रिया वैकल्पिक है.
– अगर आधार नहीं तो 11 में से 1 दस्तावेज मतदाता के पास होना चाहिए.
– मतदाता रिकॉर्ड गोपनियता की जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी.
– भौतिक रुप में होगा डबल लॉक सिस्टम.
– आधार सूचना संग्रह में प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनिय रहेगी.
– चुनाव आयोग मतदाताओं की जानकारी गोपनिय रखने पर सतर्क रहेगा.