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जुर्माने की रकम से बस-रेलवे स्टेशन पर लगायी जाये सेनिटाइजर मशीन
मुंबई/दि.17 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि उसने जेल में कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिये क्या कदम उठाये हैं? भविष्य में कौन से कदम उठाएगी. इसे पहले हाईकोर्ट ने राज्य के सभी जेलों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अखबारों में छपी खबर का स्वयं संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका में परिवर्तन किया. हाल ही में इस संबंध में छपी खबर में दावा किया गया था कि राज्य की 47 जेलों में 200 कैदी कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. एक महीने के भीतर कोरोना संक्रमित कैदियों का आंकड़ा 42 से 200 तक पहुंच गया. सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने न्यायमूर्ति नितीन जामदार की खंडपीठ के समक्ष कहा कि कोर्ट ने पिछले साल इस विषय पर दिशा-निर्देश जारी किये थे. जिसे सरकार लागू करेगी.
यह जानने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप की जरुरत नजर आ रही है. इसलिए हम जानना चाहते हैं कि फिलहाल जेल में कितने कैदी एवं कितने जेल कर्मी कोरोना बाधित है? कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 20 अप्रैल को रखी है और सरकार को सारा ब्यौरा देने कहा है. याचिका में गृह विभाग के सचिव, राज्य के राजस्व विभाग व राज्य के पुलिस महानिदेशक को पक्षकार बनाया गया है.
लॉकडाऊन से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों से लिये जाने वाले जुर्माने की रकम का इस्तेमाल बस के भीतर व रेलवे स्टेशन के अंदर सेनिटाइजर मशीन लगाने के लिये किया जाये. इस तरह के निर्देश देने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है. यह याचिका गैर सरकारी संस्था सिटीजन सर्कल फॉर सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशन ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि बंगलुरु, चेन्नई, गुवाहाटी व रायपुर की स्थानीय निकायों व्दारा कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये ड्रोन के जरिए छिड़काव किया जाता है. यहां पर भी ऐसे कदम उठाए जाने की जरुरत है.
इसके अलावा लॉकडाउन से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वालों से इकट्ठा की जाने वाली जुर्माने की रकम का इस्तेमाल सार्वजनिक स्थानों पर सैनिटाइजर की मशीन लगाने व मुफ्त में मास्क बांटने के लिये किया जाये. इसके साथ ही नियमित अंतराल पर बस व ट्रेन को सैनिटाइज करने के लिये कहा जाये. अधिवक्ता शहजाद नकवी के मार्फत से दायर याचिका में झोपड़पट्टी इलाके में रहने वालों के लिये बुनियादी सुविधाएं देने का भी आग्रह किया गया है. याचिका में कहा गया है कि जीवन के अधिकार में सेहतमंद जीवन जीनाभी शामिल है. इसलिए सार्वजनिक स्थलों, बस के भीतर व रेल्वे स्टेशन के अन्दर सैनिटाइजर मशीन लगाने का निर्देश मुंबई महानगर पालिका को दिया जाये.