
मुंबई /दि. 7– सोयाबीन का सर्वाधिक उत्पादन मध्यप्रदेश में हुआ, जहां 6 लाख मेट्रीक टन सोयाबीन की खरीदी हुई. इसी तरह राजस्थान में 98 हजार मेट्रीक टन व गुजरात में 54 हजार मेट्रीक टन सोयाबीन की उपज हुई. जबकि महाराष्ट्र में 11 लाख 31 हजार 336 मेट्रीक टन की खरीदी हुई है. ऐसे में यदि अन्य तीन राज्यों की आंकडों को जोडा भी जाए तो महाराष्ट्र में तीनों राज्यों की तुलना में 2 लाख 44 हजार मेट्रीक टन ज्यादा सोयाबीन खरीदा है और महाराष्ट्र में हुई सोयाबीन की खरीदी 128 फीसद अधिक है, ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा आज दी गई.
बजट अधिवेशन के पांचवें दिन सभागृह में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही सीएम फडणवीस ने कहा कि, महाराष्ट्र में अब तक हुई खरीदी के तमाम पुराने रिकॉर्ड को तोड दिया है. इससे पहले खुद उनकी ही सरकार के रहते समय सन 2016-17 में सर्वाधिक खरीदी हुई थी और उन्होंने खुद अपने ही द्वारा बनाए गए उस रिकॉर्ड को इस वर्ष तोड दिया है. हालांकि अब भी कुछ किसानों से उनकी सोयाबीन को खरीदा जाना बाकी है. जिसे लेकर केंद्र सरकार को जानकारी दे दी गई है. सीएम फडणवीस ने यह भी बताया कि, सोयाबीन की खरीदी होने के उपरांत तुअर की खरीदी की जानी थी. लेकिन गोदाम भी नहीं बचे थे. ऐसे में निजी गोदाम किराए से लेते हुए तुअर की खरीदी की गई. इसके तहत तुअर को 7 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल का गारंटी मूल्य दिया गया है. जो गत वर्ष की तुलना में 550 रुपए अधिक है. तुअर का बुआई क्षेत्र 12.10 लाख हेक्टेअर है और 11 लाख टन तुअर का उत्पादन अपेक्षित है. जिसकी सरकार द्वारा खरीदी की जा रही है. इसमें से 2 लाख 97 हजार 430 मेट्रीक टन तुअर की खरीदी का पहला टारगेट तय किया गया है. जिसके लिए पंजीयन शुरु हो चुका है. इसके अलावा एफएक्यू प्रति वाले 137 लाख क्विंटल कपास की भी खरीदी की गई और जिस स्थान पर 50 हजार क्विंटल से अधिक कपास है वहां नए केंद्र देने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है.
इसके साथ ही सीएम फडणवीस ने राज्य में ‘एक तहसील, एक बाजार समिति’ की संकल्पना साकार किए जाने को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि, कृषि उपज की खरीदी में सरकार बिलकुल भी पीछे नहीं हटेगी, अत: किसानों ने अपनी उपज की सरकारी खरीदी को लेकर निश्चित रहना चाहिए.