महाराष्ट्र

22 वें दिन भी जारी रही रापनि कर्मियों की हडताल

कडाके की ठंड के बीच आजाद मैदान पर डटे हुए है हडताली कर्मचारी

* रापनि के विलीनीकरण की मांग पर अब भी बना हुआ है गतिरोध

* अब तक 8,195 कर्मी निलंबीत व 1,827 कर्मी सेवामुक्त

मुंबई/दि.1-राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में विलीन किये जाने की मांग को लेकर बीते 22 दिनों से रापनि कर्मचारियों की हडताल जारी है. सरकार द्वारा वेतनवृध्दि का निर्णय लिये जाने के बाद भी हडताली कर्मचारी विलीनीकरण की मांग पर ही अडे हुए है और कडाके की ठंड व बारिश का सामना करते हुए रापनि के हजारों कर्मचारी मुंबई के आजाद मैदान पर डटे हुए है. वहीं दूसरी ओर अब सरकार द्वारा हडताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का सत्र शुरू किया गया है. जिसके तहत अब तक 8,195 कर्मचारियों को निलंबीत किया जा चुका है तथा 1 हजार 827 कर्मचारियों को रापनि की सेवा से मुक्त करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है.
ज्ञात रहे कि, मुंबई में इस समय बारिश चल रही है. साथ ही कडाके की ठंड भी पड रही है, लेकिन इसके बावजूद रापनि के विलीनीकरण की मांग को लेकर रापनि के हजारों महिला व पुरूष कर्मचारी आजाद मैदान पर आंदोलन में डटे हुए है. उनका कहना है कि, जब तक रापनि का सरकारी सेवा में विलीनीकरण नहीं होता, तब तक वे आजाद मैदान से हटेंगे नहीं और तमाम विपरित हालात का सामना भी करेंगे.
विगत 22 दिनों से चल रही इस हडताल के चलते राज्य में रापनि के कई आगारों में सरकारी बस सेवा पूरी तरह से ठप्प पडी हुई है.
बता दें कि, राज्य में रापनि के कुल 92 हजार 266 कर्मचारी है. जिसमें से वेतन वृध्दि के फैसले के बाद कल तक 19 हजार 86 कर्मचारी काम पर लौट आये. वहीं अब भी 73 हजार 180 कर्मचारी हडताल में शामिल है. जिनमें ज्यादातर रापनि के बस वाहक व चालक है. ऐसे में प्रशासकीय व कार्यशाला विभाग के कर्मचारियों के काम पर वापिस लौट आने के बावजूद रापनि की बस सेवा पहले की तरह सामान्य नहीं हो पायी है. रापनि के प्रशासकीय विभाग में कार्यरत 9 हजार 426 कर्मचारियों में से 9 हजार 53 कर्मचारी काम पर लौट आये है और 373 कर्मचारी हडताल में शामिल है. इसी तरह कार्यशाला विभाग के कुल 17 हजार 560 कर्मचारियों में से 5 हजार 488 कर्मचारी काम पर लौट आये है और 12 हजार 72 कर्मचारी हडताल में शामिल है. वहीं 37 हजार 225 चालकों में से केवल 2 हजार 271 चालक काम पर लौटे है और 34 हजार 954 चालक हडताल में शामिल है. साथ ही 28 हजार 55 वाहकों में से केवल 2 हजार 274 वाहक काम पर लौटे है और 25 हजार 781 वाहक हडताल में शामिल है. जिसके चलते विभिन्न आगारों में बस सेवा पूरी तरह से ठप्प है. वहीं अब सरकार द्वारा हडताली कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन व सेवा मुक्ति की कार्रवाई का कदम उठाया जा रहा है.

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