मुंबई/दि.28- आठ माह, 60 मामले, 20 सरकारी बैंक, 60 कंपनी और 23566 करोड का आर्थिक घोटाला. यह हैं केंद्रीय अपराध अन्वेषण (सीबीआई) विभाग के मुंबई मुख्यालय की रिपोर्ट. जनवरी से अगस्त 2023 की कालावधि में मुंबई, नागपुर, पुणे इन तीन शहरों में विविध क्षेत्र की कंपनियों ने किए हजारों करोड के आर्थिक घोटालों का सीबीआई ने पर्दाफाश किया है. इस प्रकरण में 60 मामले दर्ज किए है. इसमें बांधकाम उद्योग, मूलभूत सुविधा, ज्वेलरी उद्योग, मनोरंजन उद्योग, शक्कर कारखाने, केयर हाउसिंग, बायोटेक आदि क्षेत्र की कंपनियों का समावेश है. यह आंकडेवारी केवल मुंबई में सीबीआई ने दर्ज किए मामलों की है.
* प्रमुख कंपनी?
ुमुख्य संचालक कंपनी रकम (करोड में)
करुणाकरण रामचंद आयएल एण्ड एफएस ट्रांसपोर्ट 6524
अजित कुलकर्णी प्रतिभा इंडस्ट्रीज लि. 4957
मनोज तिरोडकर जीटीएसल इन्फ्रा लि. 4067
ऋषि अगरवाल वद्राज सिमेंट लि. 1688
राजेश पोद्दार लोहा इस्पात 1017
दीपक कुलकर्णी डीएसके समूह 590
नरेश गोयल जेट एअरवेज 538
रत्नाकर गुट्टे गंगाखेड शुगर लि. 409
विनय फडणीस फडणीस समूह 193
* किन बैंको को लगा चूना
इसमें पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बडोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियान ओव्हरसिज बैंक, बैंक ऑफ बडोद, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूको बैंक का समावेश है. जब किसी कर्ज खाते बाकी होते उस समय इसकी जानकारी बैंक के मुख्य दक्षता अधिकारी को भारतीय रिजर्व बैंक, सीबीआई व केंद्रीय दक्षता आयोग को इसकी जानकारी देने का कानून इससे पूर्व रिजर्व बैंक ने जाहिर किया है. अधिकांश समय इस नियम का पालन नहीं होता, जिससे विलंब होता है.
– विश्वास उटगी, बैंकतज्ञ
* सर्वाधिक असर यूनियन बैंक को
करिबन 60 प्रकरणों मेें सर्वाधिक झटका यूनिन बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक को बैठा दिखाई देता है. उपलब्ध जानकारी के मुताबिक यूनियन बैेंक को चालू वर्ष में दर्ज हुए मामलो में 3092 करोड 43 लाख, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 1975 करोड, 58 लाख तथा पंजाब नेशनल बैंक को 389 करोड 93 लाख रुपए का चूना लगा दिखाई देता है.