महाराष्ट्र

23 का बदला 23 को ही लिया

देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के लिए यह तिथि विशेष

नागपुर /दि.25– 23 नवंबर की तारीख देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के लिए बहुत खास हो गई है. वैसे इस तारीख को लेकर ये दोनों नेता इसलिए भी संवेदनशील हैं, क्योंकि वर्ष 2019 में इसी तारीख को दोनों के साथ एक बडी दगाबाजी हुई थी. फडणवीस के नजदीकी लोग तो इसलिए भी यह तारीख नहीं भूल सकते, क्योंकि 23 नवंबर 2019 की सुबह-सुबह जो शपथ विधि हुई थी, उसने महाराष्ट्र ही नहीं पूरे राष्ट्र में भूचाल ला दिया था. 2019 में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना को बहुमत मिला था. ऐन शपथ के पहले शरद पवार ने महाविकास आघाडी बना ली थी. इस आघाडी से निपटने के लिए फडणवीस-अजीत की अचानक बनी ‘सरकार’ ने सभी को सकते में डाल दिया था.
84 घंटे की उस सरकार को इसलिए इस्तीफा देना पडा था, क्योंकि शरद पवार को यह कदम रास नहीं आया था. जबकि फडणवीस और अजीत दोनों ने सार्वजनिक रुप से यह स्वीकार किया था कि, इस शपथ की पूरी जानकारी पवार को दी गई थी और उनकी सहमति के बाद ही कार्यक्रम हुआ था. 2024 के परिणाम भी 23 नवंबर को ही आए और फडणवीस और अजीत की इतनी बडी सफलता मिली कि इसका अगुवाई में उनकी पार्टी और महायुति को सबसे ज्यादा असर ‘पवार’ पर पडा. पवार की बनाई आघाडी और खुद उनकी पार्टी का सूपडा साफ हो गया. समय बहुत बलवान होता है और वह किसी को नहीं छोडता.

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