महाराष्ट्र

मराठा समाज की ओर से २५ मांगों का ठराव

पुणा में ली मराठा विचार मंथन की बैठक

पुणे./दि.५ – मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की स्थगिति जल्दी हटी नहीं इसी तरह कुछ लोगों के कहने पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण भी मराठा समाज को दिया नहीं तो समाज के विद्यार्थी व प्रत्याशियों ने क्या करना चाहिए, ऐसा शासन स्पष्ट करे, इसी तरह मराठा आरक्षण पर निर्णय होने तक सभी प्रकार की नौकरी भर्ती राज्य सरकार स्थगित करे, इन मांगों के साथ करीब २५ मांगों का ठराव पुणे के मराठा विचार मंथन बैठक में पारित किया गया. इस बारे में विनायक मेटे ने कहा कि राज्य शासन ने सर्वोच्च न्यायालय में केवल आवेदन कर हाथ पर हाथ धरकर न बैठते हुए घटनापीठ का गठन करने के लिए सभी तरह के प्रयास करें, इसी तरह राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति को १०२वें संविधान में दुरुस्ती के अनुसार एसईबीसी प्रवर्ग नोटीफाय करने का प्रस्ताव भेजे. मराठा समाज का नुकसान न हो इसके लिए शैक्षणिक संस्था व नौकरी भरती में तमिलनाडू की तर्ज पर जगह बढाने के लिए निर्णय शासन ले. उन्होंने आगे कहा है कि नौकरी भर्ती में मराठा समाज को आरक्षण से मिलने वाली जगह मराठा समाज के युवाओं को ११-११ माह की समयावधि के लिए फिलहाल नियुक्ति देकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कायम किया जाए. मराठा आरक्षण का निर्णय होने तक सर्व प्रकार की नौकरी भर्ती राज्य सरकार स्थगित करें, मराठा युवाओं पर दर्ज अपराध शासन वापस ले.

  • कोई भी आत्महत्या न करे

कोपर्डी के दोषी अपराधियों को तत्काल फांसी देने के लिए शासन उचित कानूनन कदम उठाए. आरक्षण पर स्थिगिति होने के कारण कोई भी आत्महत्या न करे, ऐसे विद्यार्थी व प्रत्याशियों की काउंसिलिंग के लिए क्षत्रिय मराठा समाज के ८६५५५०५०४० इस क्रमांक पर मुफ्त काउंसिलिंग की जाएगी. अंतिम ठहराव याने आरक्षण की गतिविधि में काम करने वाले व्यक्ति, संस्था और संगठना को सहायता करना संभव न हो तो वे विरोध में अपनी सलाह प्रदर्शित न करे.

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