हिं.स./ दीं. ५
मुंबई-मुंबई शहर में हुए २६/११ के हमलों के दौरान जिस इंस्पेक्टर ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए दर्जनों लोगों की जान बचायी थीं, वह इंस्पेक्टर कोरोना से अपनी जिंदगी की जंग हार गया. 50 साल के आजम पटेल ने बुधवार को अपनी आखिरी सांस ली. आजम पटेल की आखिरी पोस्टिंग एसआईडी में थी। कुछ दिनों पहले ही उन्हें कोरोना संक्रमण का पता चला और इलाज के बावजूद उनकी जिंदगी नहीं बच पाई.
26/11 टेरर अटैक केस के मुख्य जांच अधिकारी रमेश महाले ने कहा कि आजम पटेल ने उनके साथ लंबे समय तक काम किया. जब 26/11 की रात अबू इस्माइल और अजमल कसाब कामा अस्पताल वाली गली में हेमंत करकरे, विजय सालसकर, अशोक काम्टे, अरुण जाधव और अन्य पुलिसवालों पर फायरिंग कर मेट्रो सिनेमा के पास से अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए निकल रहे थे, तब आजम पटेल मेट्रो सिनेमा के पास ही थे. आजम ने वहां खड़ी पब्लिक को जोर से चिल्लाकर बोला था कि लेट जाओ, लेट जाओ, नहीं तो कोई बचेगा नहीं। इस तरह सही समय पर पब्लिक को अलर्ट कर उन्होंने दर्जनों लोगों की उस दिन जान बचाई थी। रमेश महाले कहते हैं कि 11/7 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के एक महत्वपूर्ण आरोपी को आजम पटेल ने पकडक़र महाराष्ट्र एटीएस को सौंपा था, क्योंकि एटीएस उसकी अधिकृत जांच कर रही थी। आजम पटेल उन दिनों क्राइम ब्रांच में थे. आजम पटेल लंबे समय तक एनआईए में भी रहे. कई साल पहले आईएसआईएस लिंक में एनआईए ने कल्याण के युवक आरिब मजीद को पकड़ा था, उसका इनवेस्टिगेशन आजम पटेल ने किया था। आजम पटेल बहुत अच्छे क्रिकेटर थे। महाराष्ट्र एटीएस चीफ देवेन भारती ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने एक बहुत अच्छा अधिकारी खो दिया है।