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डॉक्टरों की भर्ती के लिए सलेक्शन बोर्ड गठित
मुंबई /दि.1 – राज्य सरकार ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 26486 लोगों की नियुक्ति की गई है. जबकि ग्रामीण व शहरीय इलाकों की ढांचागत सुविधाओं को अत्याधुनिक बनाने के लिए पांच उच्च स्तरीय पदों को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा 718 अस्थायी बीएएमएस डॉक्टरों को स्थायी किया गया है.
कोविड कार्ययोजना के तहत जिला स्तर पर भी ठेके पर नियुक्ति का प्रावधान है. स्वास्थ्य सेवा आयुक्तालय कार्यालय में निदेशक के रुप में कार्यरत डॉ. साधना तायडे ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर अदालत को यह जानकारी दी है. यह हलफनामा सामाजिक कार्यकर्ता खलील अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है. हलफनामे में कहा गया है कि, सरकार रिक्त पदों को भरने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है. इस दिशा में कदम बढाते हुए नियुक्ति के लिए स्वतंत्र सेलेक्सन बोर्ड का गठन किया गया है. जो जिला स्वास्थ्य अधिकारी व सिविल सर्जन की नियुक्ति करेंगे. इसके अलावा नियमित मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं. नियुक्ति के बाद नौकरी से गायब डॉक्टरों को भी नोटिस जारी किया गया है. ऐसे 539 डॉक्टरों में से 92 डॉक्टर वापस सेवा में आए हैं. नर्सों को क्लर्क की ड्यूटी से मुक्ति दी गई है. दूर दराज, नक्सल प्रभावित व ग्रामीण इलाकों में काम करनेवाले डॉक्टरों को सरकार की ओर से उनकी सेवा को प्रोत्साहन देने के लिए 30 से 35 प्रतिशत अंक दिए जा रहे हैं. जो उनके स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिले के दौरान काम आते है.
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गलत लिंक पर क्लिक करने से छात्र ने खोई आईआईटी-बॉम्बे की सीट
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अब सुप्रीम कोर्ट से मांगेगा मदद
वेबसाइट पर गलत लिंक के चयन के चलते भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई में प्रवेश से वंचित छात्र ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी की है. इससे पहले अधिवक्ता प्रल्हाद परांजपे के माध्यम से आगरा निवासी छात्र सिद्धार्थ बत्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रौद्योगिकी संस्थान को छात्र के निवेदन पर विचार करने को कहा था. लेकिन आईआईटी से बत्रा को कोई राहत नहीं मिली. इसलिए बत्रा ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है. बत्रा के मुताबिक जेईई की एडवांस परीक्षा में उसका 270 वां रैंक आया है. प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उसने गलती से गलत लिंक पर क्लिक कर दिया. जो एडमिशन रद्द करने के लिए था. जबकि वह संस्थान में इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग के कोर्स में प्रवेश का इच्छुक है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की जानेवाली याचिका में आईआईटी को उसके एडमिशन पर विचार करने का निर्देश देने व उसके लिए अतिरिक्त सीट का निर्माण करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.