बच्चों के खिलाफ यौन अपराध रोकने 270 पुलिसकर्मी हो रहे प्रशिक्षित
भारत से मिल रही चाइल्ड पोर्नोग्राफी की सर्वाधिक शिकायतें
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लॉकडाउन में 11 दिन के भीतर बच्चों के हिंसा की 92 हजार शिकायतें
मुंबई ./दि.4 – बच्चों के यौन उत्पीडन की घटनाएं लगातार बढ रही हैं. इसलिए पुलिस के सामने चुनौती भी बढ रही है. इसी से निपटने के लिए महाराष्ट्र साईबर सेल राज्य के 270 पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रही है. घर और आसपास ही नहीं ऑनलाइन भी बच्चों के यौन उत्पीडन का खतरा बढ रहा है. पुलिस वालों को यह सिखाया जा रहा है कि, पॉक्सो कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों की किस तरह जांच करें जिससे बच्चों को परेशानी न हो और आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.
कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान पहले 11 दिनों में ही देश में चाइल्ड लाइन पर हिंसा और उत्पीडन की 92 हजार शिकायतें मिली. अमेरिकी साइबर टिपलाइन की रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की सबसे ज्यादा शिकायतें भारत में भी आ रही हैं. इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र साइबर ने पुलिसकर्मियों को पॉक्सो कानून से जुडे मामलों की छानबीन के लिए प्रशिक्षण देने की शुरुआत की है. इसमें कैलाश सत्यार्शी चाइल्ड काउंडेशन (केएससीएफ) भी मदद कर रहा है. नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्शी ने इस फाउंडेशन की स्थापना की है.
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चुनौतियों से निपटने के सिखाए जा रहे गुर
प्रशिक्षण के दौरान पुलिस वालों को पाक्सो कानून की सभी धाराओं के बारे में जानकारी दी जाती है. साथ ही उन्हें बताया जाता है कि, बच्चों के हित में इसका किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. पुराने उदाहरणों के जरिए पुलिस वालों को यह जानकारी दी जाती है कि आरोपियों के खिलाफ कानून का इस्तेमाल किस तरह करें और छानबीन के दौरान पेश होने वाली चुनौतियों से कैसे निपटे. साथ ही उन्हें बताया जाता है कि, मामले में पीडित बच्चें से किस तरह संवेदनशीलता के साथ पेश आया जाए जिससे उन्हें और मानसिक पीडा न हो. पुलिस वाले अपने अब तक के अनुभवों को लेकर सवाल भी पूछ सकते हैं. जिस पर उन्हें विशेषज्ञ जवाब देते हैं. पुलिसवालों को पहली बार इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बच्चों को यौन उत्पीडन से बचाने के लिए विशेष रुप से गठित टैक्टिकल रिस्पांस अर्गेस्ट चाइल्ड एक्सप्लॉइटेशन (ट्रेस) युनिट के जरिए पुलिस वालों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.