महाराष्ट्र

बुलढाणा के लोणार सहित 3 अभयारण्य और 12 नए वन आरक्षी क्षेत्र बने

मुंबई/दि.7– महाराष्ट्र में 692.74 वर्ग किलोमीटर के नए 12 संरक्षित रिजर्व क्षेत्र और विस्तारित बुलढाणा के लोणार सहित 3 अभयारण्य घोषित किए गए हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य वन्यजीव मंडल की 18वीं बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में औरंगाबाद शहर में जलापूर्ति योजना के लिए जायकवाडी पक्षी अभयारण्य क्षेत्र के निर्माण कार्य को भी मंजूरी दी गई. संबंधित प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्यजीव मंडल के पास भेजने के लिए निर्देश दिये गये है.
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि, अभी तक राज्य में कुल 15 संरक्षित रिजर्व क्षेत्र अधिसूचित किए गए हैं. जिनमें उसे 8 संरक्षित रिजर्व क्षेत्रों को पिछले दो साल में मंजूरी दी गई है. अब नए 12 संरक्षित रिजर्व क्षेत्र घोषित किये गये है. मुख्यमंत्री ने वन क्षेत्र के गांवों के पुनवर्सन और मुआवजे के बारे में नागरिकों को विश्वास में लेकर चर्चा करने के निर्देश दिए हैं. पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि, वन क्षेत्र की सडकों के कामों को मंजूरी देते समय वन्यजीवों के भ्रमण मार्ग के बारे में भी सावधानी बरती जाए. संवेदनशील और टाइगर रिजर्व परियोजना के कामों के बारे में विशेष सावधानी रखी जाए. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार सीताराम कुंटे, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, वन विभाग के प्रधान सचिव बी. वेणुगोपाल रेड्डी, नागपुर के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन बल प्रमुख) वाईएलपी राव, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) सुनील लिमये, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव-पश्चिम मुंबई) क्लेमेंट बेन समेत कई अधिकारी मौजूद थे. वहीं, जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे.

* ये नए संरक्षित रिजर्व और अभयारण्य क्षेत्र
12 संरक्षित रिजर्व क्षेत्रों मेें नागपुर के मोगरकसा (103.92 वर्ग किमी), धुलिया के चिवटीबावरी (66.04 वर्ग किमी), अलालदारी (100.56 वर्ग किमी), नाशिक के कलवण (84.12 वर्ग किमी), मुरागड (42.86 वर्ग किमी), त्र्यंबकेश्वर (96.97 वर्ग किमी), इगतपुरी (88.499 वर्ग किमी), रायगढ के रोहा (27.30 वर्ग किमी), रायगढ (47.62 वर्ग किमी), पुणे के भोर (28.44 वर्ग किमी), सातारा के दरे खुर्द (महादरे) फुलपाखरु (1.07 वर्ग किमी), कोल्हापुर के मसाई पठार (5.34 वर्ग किमी) शामिल हैं. वहीं, मुक्ताई भवानी संरक्षित रिजर्व क्षेत्र सहित कोलामार्का और विस्तारित लोणार को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

* ये 10 लुप्तप्राय वन्यजीव अधिवास घोषित
10 लुप्तप्राय वन्यजीव अधिवास घोषित करने को भी मंजूरी दी गई है. इसमें मयूरेश्वर-सुपे (5.145 वर्ग किमी), बोर (61.64 वर्ग किमी), नवीर बोर (60.69 वर्ग किमी), विस्तारित बोर (16.31 वर्ग किमी), नरनाला (12.35 वर्ग किमी), लोणार वन्यजीव अभयारण्य (3.35 वर्ग किमी), गुगामल राष्ट्रीय उद्यान (361.28 वर्ग किमी), येडशी रामलिंगघाट वन्यजीव अभयारण्य (22.37 वर्ग किमी), नायगांव-मयूर वन्यजीव अभयारण्य (29.90 वर्ग किमी) और देउलगांव-रेहेकुरी कालवीट अभयारण्य (2.17 वर्ग किमी) शामिल हैं.

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