महाराष्ट्र

वापसी की बारिश से 30 हजार हेक्टेयर फसल नष्ट

राज्य की कुल 18 लाख हेक्टेयर फसल का नुकसान

पुणे/दि.18-वापसी करते समय मानूसन ने राज्य की 30 हजार हेक्टेयर फसल का नुकसान किया. जिसके कारण इस बार के खरीफ सीजन में बारिश के कारण नष्ट हुई फसलों का क्षेत्र 18 लाख हेक्टेयर से अधिक है. देश में वापसी की बारिश का लौटने का सफर 23 सितंबर से शुरु हुआ था. सोमवार 15 अक्टूबर से उत्तरी भारत से मानसून ने वापसी लेने की बात भारतीय मौसम विभाग ने घोषित की थी. हालांकि, राज्य के कुछ क्षेत्र में आगामी चार-पांच दिन तक हल्की व मध्यम बारिश का अनुमान है. कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार वापसी की बारिश से कुछ जिले की खडी फसलों का भारी नुकसान हुआ है.
सोमवारी की शाम तक राज्य के 30 हजार 500 हेक्टेयर से अधिक खरीफ फसल का नुकसान हुआ था. वापसी की बारिश के कारण सर्वाधिक नुकसान नाशिक जिले में हुआ है. अब तक मालेगांव, दिंडोरी, सुरगाणा, नाशिक और सिन्नर तहसील में खरीफ फसलों को बारिश की मार लगी है. इन तहसीलों में 26 हजार 348 हेक्टेयर के मक्का, सोयाबीन, चावल, सब्जियां और प्याज का भारी नुकसान हुआ. सांगली के तासगांव, मिरज क्षेत्र में ढाई हजार हेक्टेयर के ज्वार, मक्का, मूंग, उडद, सोयाबीन व सब्जियों का नुकसान हुआ है. इसी तरह ठाणे, भंडारा जिले के मोहाडी व तुमसर तहसील के 1280 हेक्टेयर की फसल का नुकसान हुआ. राज्य में इस बार मानसून के कारण नुकसान होने वाली फसलों का क्षेत्र 14 अक्टूबर तक 18 लाख 33 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है.
* बीमा की ओर नजरें लगी
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, राज्य में सोयाबीन उत्पादक किसानों को मानसून की सबसे ज्यादा मार लगी है. कपास और सोयाबीन उत्पादकों को सहायता वितरण का काम राज्य में शुरु रहने से बारिश के कारण बर्बाद हुई सोयाबीन संबंधी ज्यादा शिकायतें नहीं आई है. परंतु सरकार द्वारा मिलने वाली मदद कम होने से किसानों की नजरें अब फसलबीमा योजना से मिलने वाले मुआवजे की ओर लगी है.

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