दाम बढने की उम्मीद में 30 हजार टन संतरा अभी भी पेड पर!
व्यापारियों से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं
अमरावती/दि.14-सीजन की शुरुआत में और अंत में दाम बढेंगे यह उम्मीद संतरा उत्पादकों को थी, लेकिन उनकी यह इस वर्ष धूमिल हो गई है. यही कारण है कि अंबिया बहार में लगभग 30 हजार टन संतरा बिक्री के अभाव में अभी भी पेड पर हैं, यह जानकारी महाऑरेंज के कार्यकारी संचालक श्रीधर ठाकरे ने दी. फिलहाल संतरे के फल 20 से 25 रुपये प्रति किलो मिलते हैं. दिलचस्प बात यह है कि फिलहाल संतरे की कीमत कम से कम 35,000 रुपये प्रति टन मिलने की उम्मीद थी. लेकिन यह दाम नहीं मिलने से संतरा किसानों को आर्थिक मार झेलनी पड रही है. राज्य में करीब डेढ लाख हेक्टेयर में संतरे की खेती होती है, जिसमें से 1 लाख हेक्टेयर अकेले अमरावती जिले में है. नागपुर में 30 हजार, बाकी महाराष्ट्र में 40 हजार और ऐसे 60 हजार क्षेत्र विभाजित है. चूंकि सतपुडा की तलहटी में संतरे की गुणवत्ता अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर है, इसलिए इस क्षेत्र में संतरे की मांग भी अधिक है. इसके अलावा, अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर (अमरावती), बुलडाणा, अकोट (अकोला) में संतरे की कटाई जल्दी होती है. जबकि शेष क्षेत्र में अंबिया बहार के फलों की कटाई सितंबर के अंत तक हो जाती है, परिणामस्वरूप जल्द कटाई करने वाले बागायतदारों को भी अच्छे दाम मिलते है. इसका असर दरों पर भी पडता है. इसके अलावा बांग्लादेश में हर दिन लगभग 50 हजार टन संतरे का निर्यात होता था, लेकिन अब ये मांग आधी रह गई है. नतीजा यह कहा जा रहा है कि, संतरे को उचित दाम नहीं मिल रहें. मोर्शी, वरुड, जलालखेडा, क्षेत्र के उत्पादकों ने सीजन के अंत में कीमतों में वृद्धि की उम्मीद में फलों की कटाई में देरी की है. मौसम के अंत में फल की मिठास बढ जाती है. कुछ राज्य ऐसे फलों की मांग करते हैं.
अंबिया बहार में उत्पादित चार लाख टन में से 30 हजार टन संतरे इस साल भी कीमतों में बढोतरी की उम्मीद में पेडों पर हैं. 20 से 25 रुपये प्रति किलो दाम स्थिर रहने से उत्पादकों की मुश्किल बढ गई है. उन्हें इससे ज्यादा दाम मिलने की उम्मीद है.
मार्केट विकसित करने जोर देने की आवश्यता
संतरे को अच्छे दाम मिलना चाहिए, इसके लिए देश अंतर्गत संतरा मार्केट विकसित करने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए. इसके अलावा विदर्भ में आज भी कोई संतरा प्रक्रिया प्रकल्प नहीं है. परिणामस्वरूप संतरा उत्पादकों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं. संतरा मार्केट में माल पहुंचाने के लिए आवश्यक परिवहन सुविधा उपलब्ध होना जरूरी है.
-श्रीधर ठाकरे, कार्यकारी संचालक,
महाऑरेंज
दाम बढने की थी उम्मीद
हर साल सीजन के अंत में संतरा बिक्री पर बागवानधारकों का जोर होता है. इस बार भी उम्मीद थी कि सीजन में अच्छी कीमत मिलेगी. संतरे के कुछ बागों में अभी भी पेड पर संतरे हैं. इससे कीमत बढने की उम्मीद थी. लेकिन यह निराशाजनक रहा है. आज 20 से 25 हजार रुपये की दर से संतरे की मांग हो रही है.
– श्रीपाद पाटिल, संतरा उत्पादक