महाराष्ट्र

तीन वर्ष में 353 आदिवासी विद्यार्थियों की मौत

कई अभिभावक अनुदान से वंचित, कुछ को ही मिला अनुदान

  • अधिकांश बच्चों की मौत अभिभावकोें के पास रहते समय हुई

नासिक/दि.11 – विगत तीन वर्ष के दौरान सरकारी आश्रमशालाओं में रहनेवाले 353 आदिवासी विद्यार्थियों की विविध कारणों के चलते मौत होने की जानकारी सामने आयी है. इसमें से अधिकांश विद्यार्थियों की मौत उस समय हुई, जब वे अपने अभिभावकों के पास अपने घर पर थे. बावजूद इसके जिन विद्यार्थियों की मौत आश्रमशाला में रहते समय हुई अथवा जिनकी तबियत शाला में रहते समय बिगडी, ऐसे मामलों में अब तक क्या कार्रवाई हुई है, यह अपने आप में एक बडा सवाल है. वहीं विद्यार्थियों की मौत के बाद दिये जानेवाले सानुग्रह अनुदान के वितरण में भी काफी टालमटोल हो रही है. बता दें कि, आश्रमशाला में रहनेवाले विद्यार्थियों की मौत होने पर संबंधित अभिभावकों को 2 लाख रूपये का अनुदान आदिवासी विकास विभाग की ओर से प्रदान किया जाता है. हालांकि अब तक कई अभिभावकों को अनुदान प्राप्त हो चुका है. किंतु वर्ष 2020-21 में मृत हुए 19 विद्यार्थियों के अभिभावकों को अब तक कोई अनुदान नहीं मिला है.
ज्ञात रहे कि, राज्य में कुल 499 सरकारी आश्रमशालाएं चलाई जाती है. जिनमें अनुदान योजना वर्ष 2018 से चलाई जा रही है. इस योजना के मुताबिक यदि किसी विद्यार्थी की शाला में रहने के दौरान मौत होती है, तो ही उसकी जवाबदारी शाला प्रशासन पर रहती है. इसके तहत वर्ष 2018-19 में 88, वर्ष 2019-20 में 119 तथा वर्ष 2020-21 में 146 ऐसे कुल 353 विद्यार्थियों की विगत तीन वर्षों के दौरान आश्रमशालाओं में मौत हुई. इसमें से पहले दो वर्षों के दौरान मृत होनेवाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को अनुदान वितरित किया जा चुका है. वहीं वर्ष 2020-21 में मृत हुए कई विद्यार्थियों के अभिभावकों को अनुदान वितरित होना बाकी है.

मौत की वजहें

बीमारी, सर्पदंश, उंचाई से गिरने, कुएं में गिर जाने अथवा हादसे का शिकार होने जैसी विभिन्न वजहों के चलते आश्रमशालाओं में विद्यार्थियों की मौतें हुई है. वहीं आश्रमशालाओं में रहनेवाले विद्यार्थी कई बार अवकाश के समय अपने अभिभावकों के पास वापिस लौटते है और माता-पिता के साथ मेहनत-मजदूरी के काम करते है. कई बार बाहरगांव जाते समय अथवा काम करते समय वे किसी हादसे का शिकार होते है.

  • कई आश्रमशालाओं में अधीक्षक व गृहपाल गायब रहते है और विद्यार्थियों की ओर सही ढंग से ध्यान नहीं दिया जाता. तीन वर्ष में 353 विद्यार्थियों की मौत होना अपने आप में बेहद गंभीर मामला है.
    – प्रमोद घोडाम
    संस्थापक अध्यक्ष, ट्राईबल फोरम

विभागनिहाय मृत विद्यार्थियों की संख्या

विभाग     वर्ष 2018-19  वर्ष 2019-20   वर्ष 2020-21
अमरावती       15                  18                  18
नागपुर          10                  13                  30
नासिक          42                  62                  62
ठाणे             21                  26                  36

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