मुंबई/दि.11– राज्य के कुल 288 विधायकों में से 36 फीसद विधायक पेशे से किसान है. साथ ही इसमें से 50 फीसद विधायक 40 से 60 वर्ष आयु गुट से है. इस आशय की जानकारी राज्य विधान मंडल के सचिवालय द्बारा जारी की गई. बता दें कि, अक्तुबर 2019 में राज्य विधानसभा के चुनाव हुए थे. जिसके उपरान्त चुने गये विधायकों के व्यवसाय शैक्षणिक पात्रता व आयु को लेकर राज्य विधान मंडल सचिवालय द्बारा जानकारी घोषित की गई.
इस संदर्भ में जारी की गई जानकारियों का भी 288 विधायकों में से 3 महिलाओं सहित कुल 104 विधायक किसान है. वहीं 6 महिलाओं सहित 97 विधायक पेशे से व्यापारी या व्यवसायी है. इसके अलावा 50 विधायक सामाजिक कार्यकर्ता, एक महिला सहित 12 विधायक भूविकासक, 7 विधायक डॉक्टर, 3 विधायक कर्मचारी व 3 विधायक वकील है. महाराष्ट्र विधानसभा में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के विधायकों का भी अनुठा संगम दिखाई देता है. इसी समय सार्वजनिक लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा था कि, विधानसभा में कई विधायक ऐसे है, जिनकी खेती व किसानी वाली कोई पार्श्वभूमि नहीं है, लेकिन वे खेती किसानी से संबंधित नीतियों का मसौदा तैयार करने में सहायता करते है. जिसमें ज्यादातर विधायक शहरी क्षेत्र से वास्ता रखते है. वहीं उन्होंने यह भी कहा था कि, उनके सभी निर्वाचित प्रतिनिधि सुशिक्षित है और पेशेवर व्यवसायिक पृष्ठभूमि भी रखते है. साथ ही विधायकों की आयु में भी कोई विशेष फर्क नहीं है.
विधान मंडल सचिवालय में दी गई जानकारी मुताबिक सर्वाधिक 55 विधायक 56 से 60 वर्ष आयु गुट से है. वहीं 53 विधायक 46 से 50 वर्ष आयु गुट से वास्ता रखते है. इसके अलावा 47 विधायक 30 से 45 वर्ष आयु गुट से है और 26 से 30 वर्ष आयु गुट वाले 4 युवा विधायक भी सदन का हिस्सा है. इसके अलावा 3 विधायकों की आयु 71 से 75 वर्ष के बीच है. इसके साथ ही कई विधायक बेहद सुशिक्षित रहने के साथ-साथ पदवी, पदयुत्तर पदवी व पीएचडी धारक भी है. जिसमें 31 डिप्लोमा धारक, 83 स्नातक, 7 वैद्यकीय पदवीधारक, 15 इंजिनियर, 20 विधि स्नातक व 7 पदवीधरों का समावेश है. साथ ही पदयुत्तर पात्रता रखने वाले विधायकों में 16 इंजिनियर, 16 एमबीए, 4 अभियांत्रिकी, 3 वैद्यकीय व 2 विधि पदयुत्तर, पदवीधारक है.