महाराष्ट्र

368 उम्मीदवारों ने दी अपने खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी

चुनाव आयोग व्दारा जारी किए गए थे निर्देश

मुंबई/दि.24 – सर्वोच्च न्यायालय व्दारा राजनीति में अपराधिकरण को रोके जाने के लिए लाखों कोशिशे किए जाने के पश्चात भी अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार के चुनाव लडने और उनके चुनाव जीतने पर कोई असर नहीं हो पा रहा है. सुप्रिमकोर्ट के निर्देश पर अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार अखबारों में अपने ऊपर अपराध दर्ज होने का विज्ञापन छपवाते है पर इस बात का भी ध्यान रखते है कि विज्ञापन छपवाने की खानापूर्ति ऐसे अखबारों में की जाए जिनका सरक्युलेशन एकदम कम है ताकि उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि मतदाताओं तक नहीं पहुंचे.
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के अनुसार 2019 के विधानसभा के वक्त चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 368 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों की जानकारी अखबारों में छपवाने हेतु व न्यूज चैनल पर प्रसारित करने की जानकारी चुनाव आयोग को दी है. लगभग सभी उम्मीदवारों ने अपराधिक रिकार्ड वाले विज्ञापन को छपवाने के लिए ऐसे समाचार पत्रों को चुना है जिसका सरक्युलेशन बहुत कम है.
कई उम्मीवादारों ने तो ऐसे समाचारपत्रों में अपने अपराधिक रेकार्ड के इश्तिहार छपवाए है जिन अखबारों का लोगों ने नाम भी नहीं सुना होगा. नैशनल इलेक्शन वाच ने दूसरे राज्यों में उम्मीदवारों व्दारा विविध अखबारों में प्रकाशित विज्ञापनों के अध्ययन में पाया गया था कि ज्यादातर विज्ञापन छोटे अखबारों या कम सरक्युलेशन वाले अखबारों में छपवाए गए. यही हालत महाराष्ट्र की भी है.

इस प्रकार है चुनाव आयोग के नियम

चुनाव में खडे रहने वाले उम्मीदवारों को अपना आराधिक रिकार्ड सार्वजनिक करना होता है. इसके लिए मतदान से पहले तीन बार अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने के साथ न्यूज चैनल पर इसे प्रसारित करना होता है. जिन उम्मीदवारों के खिलाफ अपरधिक मामले दर्ज है उन्हें नामांकन के बाद नामाकन वापसी के चार दिन के भीतर अपने उपर चल रहे या प्रलंबित अपराधिक मामलो का विज्ञापन विधानसभा क्षेत्र में अखबारों में छपवाना आवश्यक है.

29 फीसदी दागी उम्मीदवारों ने लडा था विधानसभा चुनाव

साल 2019 के राज्य विधानसभा का चुनाव 29 फीसदी दागी उम्मीदवारों ने लडा था. महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन ऑफ डेमोके्रटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में राज्य विधानसभा चुनाव लड रहे 916 यानि 29 फीसदी उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 600 यानि 19 फीसदी ऐसे उम्मीदवार थे जिनके खिलाफ गंभीर अपराधिक मामले चल रहे है. चार उम्मीदवारों पर दुष्कर्म और 67 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले भी दर्ज है. गौरतलब है कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कुल 3237 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव में अपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिकांश उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधायक बने है.

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