मुंबई/दि.३ – साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के आदेश के बावजूद गुरुवार को सिर्फ तीन ही आरोपी उपस्थित हुए. एनआईए की विशेष अदालत ने आदेश सभी आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था. लेकिन लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, समीर कुलकर्णी और अजय रहीरकर ही कोर्ट में पेश हुए. भोपाल की सांसद और मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय और अन्य आरोपी अदालत में नहीं पहुंचे. प्रज्ञा की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत मग्गू ने कहा, हमने अदालत को बताया कि आज के हालात में यात्रा और परिवहन बड़ा मसला है और सभी आरोपी आना चाहते थे लेकिन इतने कम समय में वे नहीं आ सके.
बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत को बताया कि इस मामले के कुछ आरोपी उत्तर भारत में रहते हैं और तमाम प्रतिबंधों के कारण वहां से यात्रा करके आने में कम से कम 8 दिन लगेंगे. अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अब सभी आरोपियों को 19 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया है.
इसी बीच एक गवाह को अदालत में लाया गया. गवाह संख्या 124 के तहत ये वह व्यक्ति है जिसने 2008 में विस्फोट के बाद वहां मौजूद था. इस गवाह से सवाल-जवाब किया गया. हालांकि बचाव पक्ष के वकीलों ने उससे कोई सवाल नहीं पूछा.
गवाह ने कोर्ट से कहा कि यदि उसे क्रॉस एक्जामिनेशन के लिए वापस कोर्ट आना है तो उसके लिए एक आवास की व्यवस्था करने की जरूरत होगी. दो आरोपियों को छोड़कर, साध्वी प्रज्ञा सहित अन्य आरोपियों के वकीलों ने 2000 रुपये नकद जमा किए और इसे गवाह को देने के लिए अदालत को सौंप दिया. 4 दिसंबर को गवाह का क्रॉस एक्जामिनेशन होगा.
वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट में पुरोहित की याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआईए ने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट के सामने 149 गवाहों को पेश किया गया है और हर दिन ट्रायल शुरू हो गया है. पुरोहित ने मालेगांव 2008 मामले में उनपर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की ओर से दी गई मंजूरी को चुनौती दी है और इसमें कुछ प्रक्रियात्मक खामियों का जिक्र किया है.
पुरोहित का दावा है कि वे सिर्फ एक सैन्य खुफिया अधिकारी के रूप में अपना काम कर रहे थे और विस्फोट करने के लिए किसी भी तरह की साजिश में शामिल नहीं थे. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने फिर से ट्रायल कोर्ट को कार्यवाही आगे बढ़ाने को कहा क्योंकि ट्रायल पर कोई स्टे नहीं हुआ है. पुरोहित की याचिका पर हाईकोर्ट 14 दिसंबर को फिर से सुनवाई करेगा.