अकोला/दि.20– समिपस्थ बालापुर तहसील अंतर्गत विधोरा गांव के पास स्थित नाले में आयी बाढ में बहने वाले 4 किसानों व खेतीहर मजदूरों को गांववासियों द्वारा समय सूचकता दिखाते हुए बचा लिया गया. वहीं बाढ के पानी में बैलगाडी सहित अन्य साहित्य बह गये.
जानकारी के मुताबिक बालापुर तहसील के रिधोरा, व्याला, गधम व कान्हेरी परिसर में रविवार 18 अगस्त की दोपहर जोरदार बारिश हुई. जिसकी वजह से क्षेत्र के नदी-नालों में बाढ आ गई. बालापुर तहसील के रिधोरा में ग्रामीणों व किसानों को गांव से अपने खेतों में आने-जाने हेतु गांव के पीछे स्थित नाले को पार करना पडता है. रविवार की सुबह सभी किसान व खेतीहर मजदूर हमेशा की तरह अपने-अपने खेतों में काम करने हेतु रवाना हुए थे. लेकिन दोपहर के समय अचानक ही बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ जोरदार बारिश शुरु हो गई. जिसके चलते सभी लोग खेतों से गांव की ओर वापिस लौटने लगे. इस समय नाले पर रहने वाले छोटी पुल को पार करते वक्त नाले में पानी का स्तर अचानक बढ गया और तेज बहाव में पुल पार कर रही बैलगाडी उलट गई. इस बैलगाडी में घनसिंह सोलंके, सत्यशील दंदी व नीलेश दंदी सहित 10 वर्षीय बच्चा ऐसे चार लोग सवार थे. इस समय सत्याशील दंदी व नीलेश दंदी सहित बैलगाडी में बंधे दोनों बैल जैसे तैसे पानी के बहाव से निकलकर किनारे पर आ गये. वहीं घनसिंह सोलंके व उनका 10 वर्षीय पोता पानी के तेज बहाव में फंसकर बहने लगे. इस समय नदी किनारे मौजूद गांववासियों ने मदद हेतु चीखपुकार मचानी शुरु की. जिसे सुनकर पास ही स्थित ग्राप सदस्य राजाभाउ देशमुख व अन्य लोग सहायता हेतु दौडकर पहुंचे तथा ग्राप सदस्य राजाभाउ देशमुख ने बिना समय गंवाएं खुद को रस्सी बांधकर पानी में छलांग लगाई और तेज बहाव के बीच बैलगाडी को पकडकर खडे रहने वाले घनसिंह सोलंके व उनके पोते की जान बचाई.