महाराष्ट्र

राज्य में 50 प्रतिशत पद रिक्त

न्याय वैद्यकीय प्रकरणों की रिपोर्ट में विलंब

* अमरावती में 100 में से 42 पद रिक्त
मुंबई/दि.18– न्याय वैद्यकीय प्रकरणों में न्याय सहायक प्रयोगशाला की रिपोर्ट महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है. जबकि राज्य के न्याय सहायक प्रयोगशाला में 40 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त रहने से रिपोर्ट समय पर उपलब्ध नहीं होती. पुलिस जांच और आगामी न्यायदान की प्रक्रिया पर इसका परिणाम होता है. रिपोर्ट समय पर उपलब्ध न होने से मरीजों के परिवार तथा जांच यंत्रणा की तरफ से डॉक्टरों पर उंगलियां उठाई जाती है. यह प्रक्रिया कैसी चलाई जाती है, इस बाबत कल्पना न रहने से डॉक्टरों को ही रिश्तेदारों के रोष का सामना करना पडता है. इस ओर संबंधित क्षेत्र से जुडे वैद्यकीय विशेषज्ञ ध्यान केंद्रित करते हैं. अमरावती की प्रयोगशाला में भी 100 में से 42 पद रिक्त है.

मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई की न्याय सहायक वैज्ञानिक प्रयोगशाला में प्रथम श्रेणी के 36 में से 14 पद भरे गए हैं. जबकि 22 पद रिक्त है. द्बितीय श्रेणी के 98 में से 51 पद भरे गए है, 47 पद रिक्त है. तृतीय श्रेणी के 178 मंजूर पदों में से 93 पद भरे गए हैैं, 85 पद रिक्त है. कुल 426 पदों में से 256 पद भरे गए हैं, 173 पद रिक्त रहने की जानकारी मिली है. पुणे के न्याय सहायक प्रयोगशाला के 140 पदों में से 101 पद भरे गए है. 39 पद रिक्त है. जबकि नाशिक की प्रयोगशाला की 87 पदों की भर्ती हुई है. यहां 41 सीटे अभी भी रिक्त है. अमरावती में 100 मंजूर सीटों में से 42, कोल्हापुर में 70 में से 30, चंद्रपुर में 31 में से 7 सीटें रिक्त है. रत्नागीरी में 11 में से 9, सोलापुर में 17 में से 9 सीटें रिक्त है. कुछ स्थानों पर ठेका प्रणाली से तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद भरे जाने की जानकारी दी गई है, लेकिन न्याय वैद्यकीय प्रक्रिया से संबंधित रहने के कारण इन पदों का कुशल मनुष्यबल की उपब्धता भरने के निर्देश है.

* रिपोर्ट की वर्षो से प्रतीक्षा
हत्या, बलात्कार, ड्रंक एण्ड ड्राइव अभियान के दौरान पकडे गए व्यक्ति, विषबाधा, अनाज में मिलावट से हुई मृत्यु, व्यसनाधिनता जैसे न्याय वैद्यकीय प्रकरणों में इस प्रयोगशाला की रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण रहती है. इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने नाम न छापने की शर्त पर दी जानकारी के मुताबिक छह माह से दो साल तक यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होती, इसके लिए लंबे समय तक रुकना पडता है. कुशल मनुष्यबल का अभाव अथवा बढती प्रक्रिया न होने से रिपोर्ट मिलने में विलंब होता है. पुलिस तथा संबंधित वैद्यकीय विशेषज्ञों के होने वाले तबादलों के कारण रिपोर्ट आती है तब नए अधिकारी की तरफ दे दी जाती है.

Back to top button