राज्य सरकार को लौटाए गए 50 हजार मोबाइल
निकृष्ट दर्जे का मोबाइल फोन देने का अंगनवाडी सेविकाओं का आरोप
मुंबई/दि.25 – आंगनवाडी सेविकाओं ने राज्य सरकार के मोबाइल फोन को लौटाने के लिए आंदोलन शुरु किया है. निकृष्ट दर्जे और तकनीकी खामियां होने का आरोप लगाते हुए राज्यभर में अभी तक 50 हजार आंगनवाडी सेविकाओं ने अपने मोबाइल फोन बाल विकास परियोजना अधिकारियों को लौटा दिए हैं. मंगलवार को महाराष्ट्र राज्य आंगनवाडी कृति समिति के अध्यक्ष एम.ए.पाटील ने बताया कि सरकार की ओर से साल 2019 में आंगनवाडी सेविकाओं को दिए गए मोबाइल घटिया किस्म के हैं. सरकार व्दारा ऐसे घटिया किस्म के मोबाइल बदलकर नये मोबाइल देना चाहिए. पाटील ने कहा कि आंगनवाडी सेविका परियोजना अधिकारी के पास जाकर मोबाइल फोन लौटा रही हैं, लेकिन परियोजना अधिकारी मोबाइल फोन को वापस लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. इस कारण आंगनवाडी सेविकाएं एक बॉक्स में अपने मोबाइल फोन रखकर चली आती हैं. पाटील ने कहा कि सरकार की ओर से दिये गए मोबाइल फोन में इंटरनल स्टोरेज काफी कम है. इस कारण मोबाइल फोन में पोषण ट्रैकर एप ठिक ढंग से नहीं चल पाता है. आंगनवाडी सेविकाओं को इस एप को अपने निजी फोन में डाउनलोड करना पडता है. इस कारण आंगनवाडी सेविकाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
जानकारी अपलोड करने में असुविधा
पाटील ने कहा कि एप में कई तरह की तकनीकी खामियां हैं. आंगनवाडी सेविकाओं की ओर से बच्चों के जन्म से लेकर तो 6 साल पूरे होने तक पुरक पोषण आहार दिया जाता है. बच्चे की आयु 6 साल पूरा होने के बाद एप से नाम डिलीट हो जाना चाहिए, लेकिन एप में उस बच्चे का नाम डिलीट नहीं होता है. अंग्रेजी भाषा में एप होने के कारण आंगनवाडी सेविकाओं को उसमें बच्चों के स्वास्थ्य, वजन, उंचाई संबंधी जानकारी अपलोड करने में भी बडी असुविधा होती है.
पालकमंत्री ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया
पाटील ने कहा कि हमने अचानक आंदोलन शुरु नहीं किया है. बीते 6 माह से राज्य सरकार से नया मोबाइल फोन देने की मांग कर रहे हैं, किंतु राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री तथा पालकमंत्री एड.यशोमती ठाकुर ने इस संदर्भ में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. पाटील ने बताया कि ठाकुर स्वीकार करती है कि मोबाइल फोन में काफी तकनीकी खामियां है, परंतु वह केंद्र सरकार से निधि न मिलने की बात कहती हैं. पाटील ने कहा कि हमने आंदोलन छेड दिया है, अब समस्या के समाधान हेतु सरकार हमें चर्चा के लिए बुलाना चाहिए. राज्य में तकरीबन 1 लाख 5 हजार आंगनवाडी सेविकाएं हैं. सरकार व्दारा इन आंगनवाडी सेविकाओं को मोबाइल फोन उपलब्ध करवा दिये थे.