मेलघाट में जन्म के 28 दिन बाद होती है 52 फीसदी बच्चों की मौत
2 साल में 33 हजार नवजात बच्चों की हो चुकी है मृत्यु
विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री सावंत ने बताया
मुंबई/दि.1 – प्रदेश में जनवरी 2020 से मई 2022 के बीच 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग के कुल 23 हजार 8 बच्चों की मौत हुई है. विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने यह जानकारी दी. सावंत ने दावा किया कि बच्चों की मौत कुपोषण के कारण नहीं, बल्कि कम वजन, सेप्सिस, न्यूमोनिया आदि कारणों से हुई. सावंत ने बातया कि अमरावती के मेलघाट में अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच 6 प्रतिशत प्रसूति घरों में हुई है.
मेलघाट में साल 2021-22 में 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग के जिन बच्चों की मौत हुई है. उसमें बच्चे के जन्म के बाद केवल 28 दिन में होनेवाले मृत्यु का प्रमाण 52 प्रतिशत है. 29 दिन से एक साल के बीच होनेवाली मौत का प्रमाण 27 प्रतिशत है. जबकि एक साल से 5 वर्ष के बीच मृत्यु का प्रमाण 21 प्रतिशत है. सावंत ने बताया कि मेलघाट में बाल विवाह को रोकने के लिए महिला व बालकल्याण विभाग के जरिए आकांक्षा दस्ता बनाया गया है. आकांक्षा दस्ते और राजस्व विभाग के जरिए बाल विवाह को रोकने का प्रयास किया जाता है. मेलघाट में परिवार नियोजन के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार व प्रसार किया जा रहा है. सावंत ने बताया कि जनवरी 2022 में मेलघाट के धुलघाट रेल्वे और टेंभुरसोडा में ग्रामीण अस्पताल, टिटंबा, चाकर्दा, गौरखेडा बाजार, आवागड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 13 नए स्वास्थ्य उपकेन्द्र को मंजूरी दी गई है. वहीं धारणी उपजिला अस्पताल को अपग्रेड 100 बिस्तर का अस्पताल बनाने को मान्यता दी गई है. धारणी उपजिला अस्पताल, चिखलदरा ग्रामीण अस्पताल, चुरणी ग्रामीण अस्पताल के पोषण पुर्नवसन केन्द्र प्रत्येक तीन 3 आहार विशेषज्ञों को मंजूरी दी गई है. फिलहाल 2 आहार के सदस्य विलास पोतनीस, शिवसेना (उध्दव गुट ) के सदस्य सुनील शिंदे और भाजपा सदस्य श्रीकांत भारतीय ने इस बारे में सवाल पूछा था.