महाराष्ट्र

समाज कल्याण विभाग में 55 फीसदी पद रिक्त

उच्च न्यायालय ने जताई नाराजगी

नागपुर/दि.20- समाज कल्याण विभाग के मंजूर पदों में से 55 फीसदी पद रिक्त है. जिसकी वजह से वंचित घटको के लिए चलाई जानेवाली योजनाओं पर विपरित परिणाम हो रहा है. जिसको लेकर उच्च न्यायालय द्बारा समाज कल्याण विभाग आयुक्त पर नाराजगी व्यक्त की है. पद भर्ती के संदर्भ में प्रस्ताव वित्त विभाग में प्रलंबित है. इस प्रकार की जानकारी समाज कल्याण आयुक्त ने दी. जिसमें न्यायालय ने वित्त विभाग को इस संदर्भ में निर्णय लेने के निर्देश दिए.
छात्रालय प्रवेश प्रक्रिया के संदर्भ में सामाजिक कार्यकर्ता विनोद गजभिये ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. न्यायाधीश नितीन सांबरे व न्यायाधीश अभय मंत्री की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान गजभिये ने कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी दी. जिसमें समाज कल्याण विभाग के ग्रुप-ए से ग्रुप-डी के 6 हजार 730 पद मंजूर है. जिसमें से 3 हजार 84 पद भरे गये. बाकी 3 हजार 646 पद रिक्त है. रिक्त पदों की वजह से समाज कल्याण विभाग अंतर्गत छात्रालय व्यवस्था में दिक्ततें आ रही है. ऐसा निरीक्षण के समय न्यायालय ने दर्ज किया.
याचिकाकर्तानुसार ओबीसी विद्यार्थियों को दी जानेवाली सुविधा का भी अतिरिक्त भार समाज कल्याण विभाग पर है. समाज कल्याण आयुक्त न्यायालय में सुनवाई के दौरान उपस्थित थे. न्यायालय ने जब कर्मचारियों की कमी को लेकर आयुक्त से सवाल किया तब आयुक्त ने कहा कि विभाग के सभी पद भरे जाने का प्रस्ताव भिजवाया गया है. किंतु इस पर अभी तक निर्णय नहीं हुआ. जिसमें न्यायालय ने समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस ओर ध्यान देने के आदेश दिए है. आगे की सुनवाई 30 सितंबर को होगी.

* भोजन व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता
राज्य में 442 शासकीय छात्रालय है. कुछ छात्रालयों में विद्यार्थियों की भोजन व्यवस्था समाज कल्याण विभाग खुद करता है. कुछ छात्रालयों में भोजन की जिम्मेदारी निजी ठेकेदार को दी गई है. जिसमें भोजन व्यवस्था में भी सुधार लाने की आवश्यकता है. ऐसा न्यायालय ने कहा और समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस ओर ध्यान देने के आदेश दिए.

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