* डेढ माह की मोहलत
* महारेरा की कठोर भूमिका
मुंबई/दि.18- गत जनवरी में महारेरा के पास पंजीयन कराए 746 प्रोजेक्ट की 20 अप्रैल तक अचल संपत्ति अधिनियमानुसार पहले तीन माह में प्रकल्प में कितने दर्ज हुए, कितने पैसे आए, कितना खर्च हुआ आदि की जानकारी के प्रपत्र 1, 2 और 3 संकेतस्थल (वेबसाइट) पर दर्ज करना, अद्यतन करना अति आवश्यक है. प्रकल्प में निवेश करनेवाले लोगों तथा ग्राहकों को घर बैठे प्राथमिक जानकारी उपलब्ध होने का प्रावधान है. इसलिए महारेरा ने सभी डेवलपर्स को मई माह तक उक्त जानकारी देने की नोटिस भेजी थी. जिसमें से 183 डेवलपर्स ने त्रिमाही अहवाल संकेतस्थल पर अद्यतन कर दिया है. शेष 563 डेवलपर्स व्दारा ग्राहकों के प्रति उदासीनता दिखाने की गंभीर दखल ली गई है. खबर है कि धारा 7 के अंतर्गत सभी को प्रोजेक्ट का पंजीयन रद्द क्यों न कर दिया जाए, ऐसी कारण बताओ नोटिस जारी की है. इस बारे में डेढ माह का समय अपेक्षित रिस्पॉन्स के लिए दिया गया है. इस दौरान रिस्पॉन्स न आने पर उनके प्रकल्प का पंजीयन रद्द हो सकता है. पंजीयन रद्द होने पर संबंधित प्रोजेक्ट का बैंक अकाउंट, नया पंजीयन, निर्माण कार्य सभी व्यवहार स्थगित हो सकते है.
महारेरा ने पहले ही सभी भवन निर्माता, विकासक को प्रोजेक्ट दर्ज करते समय अनेक शर्तो के बारे में बता रखा है. जिसके अनुसार प्रत्येक प्रोजेक्ट का अलग से बैंक अकाउंट, उसमें ग्राहकों से जमा राशि में से 70 प्रतिशत रकम खाते में रखने, प्रकल्प अभियंता, वास्तशास्त्रज्ञ और सनदीलेखापाल अर्थात सीए व्दारा प्रमाणि प्रपत्र 1, 2 और 3 पैसे विड्राल का ब्यौरा देना आवश्यक है.