राज्य में अभी भी ६० फीसदी उद्योग बंद
हिं.स./दि.२७
मुंबई– कोरोना महामारी के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन के बाद उद्योग व्यवसाय पर बडे पैमाने पर असर हुआ है. हालांकि लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद उद्योग व्यवसायों की आर्थिक रुप से टूट चुकी कमर को जोडने के लिए उद्योग व्यवसाय शुरु किए गए. लेकिन अभी भी राज्य के ६० फीसदी उद्योग बंद अवस्था में ही नजर आ रहे है. संचारबंदी को लेकर अनिश्चित नीतियां और जिला स्तर पर धर पकड की प्रवृत्ति के चलते आर्थिक चक्र पूर्ववत होने में अनुकूल माहौल निर्माण नहीं होने से उद्योगों को प्रतिसाद कम मिल रहा है. यह जानकारी उद्याजकों द्वारा दी जा रही है. बता दे कि राज्य में छोटे मध्यम व बडे लगभग ढेड लाख उद्योग संचारबंदी से पहले नियमित रुप से चल रहे थे. देश में २५ मार्च से लॉकडाउन घोषित होने के बाद उद्योग व्यवसाय ठप्प हो गए. संचारबंदी को एक माह का अवधि होने पर २० अप्रैल से देशभर में उद्योगों के लिए आंशिक रुप से ढीलाई देना शुरु किया गया इसके बाद १ जून से राज्य सरकार ने अपनी नीतियों के अंर्तगत नियमों में ढील देने की शुरुआत की. लेकिन कोरोना से निपटने के लिए जून के अंत व जुलाई के पहले सप्ताह से राज्य के विविध शहरों में कोरोना संचारबंदी शुरु की गई. जिसके बाद इन सभी अनिश्चितताओं का परिणाम राज्य के उद्योग जगत पर हुआ है. फिलहाल राज्य में ६५ हजार २०८ उद्योग शुरु है यानि राज्य के डेढ लाख उद्योगों की तुलना में लगभग ४० फीसदी उद्योग कार्यरत है. ६० फीसदी उद्योजकों ने हालातों को दूर होने तक का इंतजार करना पंसद किया है. हाल की घडी में शुुरु ६५ हजार उद्योगों में से २४ हजार ८३२ उद्योग एमआयडीसी क्षेत्र के है. एमआयडीसी क्षेत्र के बाहर शुरु रहने वाले उद्योगों की संख्या ३३ हजार ३९८ है.
६५ हजार उद्योग शुरु
अत्यावश्यक सेवा में रहने वाले संचारबंदी में भी २० अप्रैल से पूर्व राज्य में ६ हजार ९७८ उद्योग शुरु थे. जिनमें १ लाख ९७ हजार ९०३ कर्मचारी काम कर रहे थे.
अब राज्य में कुल ६५ हजार २०८ उद्योग शुरु है. इनमें १५ लाख ७३ हजार ५१७ कर्मचारी काम कर रहे है.
६५ हजार में से ५८ हजार २३० उद्योग बीते तीन महिने में २० अप्रैल के बाद शुरु हुए है.
सरकार व जिला प्रशासन के निर्णयों की अनिश्चितताएं, अचानक विविध शहरों में तालाबंदी लागू करने के निर्णय से आगे क्या होगा इसे लेकर अनिश्चितताएं बढ रही है. यह माहौल उद्योगों के लिए अच्छा नहीं होता है. इसलिए राज्य के अधिकांश उद्योजकों ने अपने कारखाने शुरु नहीं किए है. प्रतिबंधित क्षेत्रों में कडे नियम लगाना आवश्यक है. लेकिन पूरा शहर बंद करना उचित नहीं है.
-राम भोगले, वरिष्ठ उद्योजक
नासिक में सकारात्मक माहौल
राज्य में संचारबंदी को लेकर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. लेकिन नासिक में राजनीतिक नेतृत्व और जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से धरपकड न करते हुए चरणबद्ध तरीके से हालातों को सुचारु करने की दिशा में कदम बढाए है. इसलिए अन्य शहरों की तुलना में नासिक में उद्योजकों में सकारात्मक माहौल दिखायी दे रहा है.
-देवेंद्र बापट, पूर्व अध्यक्ष निमा
नीतियों की दिशा क्या रहेगी इसे लेकर अभी भी अनिश्चितताएं बनी हुई है. बाजार शुरु करने को लेकर अलग-अलग निर्णय रहने से वह शुरु रहती है. औरंगाबाद में अचानक सभी बंद कर दिया गया है. अनेक शहरों में पुन: संचारबंदी घोषित है इसलिए पुन: उद्योग शुरु करने को लेकर उद्योजकों में संभ्रम बना हुआ है.
-संतोष मंडलेचा, अध्यक्ष महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कामर्स, इंडस्ट्री एण्ड एग्रीकल्चर