महाराष्ट्र

64 हजार करोड़ के फसल कर्ज का लेखाजोखा

मुख्यमंत्री ने समय पर वितरण करने बैंकों को दिए निर्देश

मुंबई./दि.31-बारिश के दिन करीब होकर किसानों को खरीफ मौसम के लिए फसल कर्ज की तुरंत आवश्यकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए बैंकों ने युद्धस्तर पर फसल कर्ज का वितरण किया जाये. आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी की मदद लेकर कर्ज सम्मेलन के माध्यम से कर्ज वितरण करें, ऐसे निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को बैंकों को दिए. राज्यस्तरीय बैंकर समिति की बैठक सह्याद्री अतिथिगृह में मुख्यमंत्री ठाकरे की अध्यक्षता में हुई. इस समय चालू आर्थिक वर्ष के 64 हजार करोड़ के फसल कर्ज का लेखाजोखा हेतु मंजूरी दी गई.
किसानों की आय दोगुनी करनी हो तो कृषि प्रक्रिया उद्योगों में एवं कृषि क्षेत्र की आधारभूत सुविधाओं में बड़े पैमाने पर वृद्धि करना आवश्यक होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों ने अल्पभूधारक किसानों के लिए कर्ज की आपूर्ति बढ़ाये. वहीं पशुसंवर्धन, मत्स्य व्यवसाय, कुक्कुट पालन क्षेत्र सहित महिाल बचत गटों को अधिक कर्ज दिया जाये, इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि होकर विकास को गति मिलेगी. कृषि क्षेत्र की आधारभूत सुविधाओं का तेजी से विकास होने के लिए प्रधानमंत्री सुक्ष्म अन्न प्रक्रिया उद्योग योजना से महाराष्ट्र को अधिकाधिक निधि देने के निर्देश भी ठाकरे ने दिये.
इस समय राज्य के 2022-23 के 26 लाख 33 हजार करोड़ रुपए की पतआपूर्ति लेखाजोखा को मंजूरी दी गई. इसमें प्राधान्य क्षेत्रों के लिए पांच लाख 22 हजार 68 करोड़ रुपए के, वहीं अन्य क्षेत्रों के लिए 21 लाख 10 हजार 932 करोड़ रुपए के निधि का समावेश है. गत वर्ष की तुलना में इसमें 45.37 प्रतिशत से वृद्धि हुई है. महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए निधि में कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख 26 हजार 58 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इनमें फसल कर्ज के लिए 64 हार करोड़ रुपए सहित अवधि कर्ज के 62 हजार 58 करोड़ रुपए का समावेश है. अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए तीन लाख 96 हजार 10 करोड़ रुपए रखे गए हैं.
सहकारी बैंके छोटे किसानों को अधिक कर्ज आपूर्ति करती हैं. लेकिन व्यापारी बैंकों से बड़े किसानों को मिलता है. जिन जिलों में सहकारी बैंक कमजोर है वहां पर वाणिज्यिक बैंकों ने कर्ज आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दिए. वहीं किसानों को बुआई शुरु होने से पूर्व फसल कर्ज की आवश्यकता होकर जून आखिर तक बैंकों ने अधिकाधिक कर्ज वितरण किया जाये, ऐसा बालासाहब पाटील ने कहा. सरकार ने किसानों को कर्ज मुक्त किये जाने के बाद बैंकों ने उन्हें नये से फसल कर्ज देने की आवश्यकता थी. लेकिन कुछ जिलों में यह प्रमाण बढ़ा नहीं. लेकिन अब तो भी कृषि प्रक्रिया उद्योगों को जल्द से जल्द कर्ज आपूर्ति की जाये, ऐसी मांग दादा भुसे ने की.
इस बैठक में मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव सहित विविध विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यस्तरीय बँकर्स समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे.

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