मुंबई/दि.19 – कर्मचारियों द्वारा पुकारी गई हड़ताल से राज्य के अधिकांश भागों में एसटी सेवा ठप है. एसटी के राज्य के 64 हजार से अधिक चालक व वाहक अब भी हड़ताल पर है. फिर से ड्युटी पर आने का प्रमाण कम ही होने से एसटी महामंडल ने प्रतीक्षा सूची के दो से ढाई हजार चालक व वाहकों को काम पर बुलाने का निर्णय लिया है. धुले, जलगांव सहित अन्य कुछ भागों में यह प्रक्रिया शुरु की गई है.
विलीनीकरण की मांग के लिए एसटी के कर्मचारियों ने उत्स्फूर्त रुप से हड़ताल की है. यह हड़ताल खत्म करने के लिए लिंबन की कार्रवाई के साथ ही रोजंदारी के कर्मचारियों को भी नोटीस भेजकर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की चेतावनी दी गई. इसी समय कर्मचारियों को काम पर वापस आने का आवाहन भी महामंडल ने किया. लेकिन इसे कम प्रतिसाद मिल रहा है. एसटी के कुल कर्मचारियों की संख्या 92 हजार 266 है. 12 नवंबर को 1 हजार 532 कर्मचारी काम पर लौटे थे. 18 नवंबर को यहीं संख्या 7 हजार 541 तक पहुंची. इनमें 258 चालक व 153 वाहक एवं 5,205 प्रशासकीय एवं 1,925 कार्यशाला के कर्मचारी हैं. अब तक 84 हजार 725 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं. इनमें 36 हजार 967 चालक एवं 27 हजार 902 वाहक ऐसे कुल 64 हजार 869 लोग हैं. शेष कर्मचारी प्रशासकीय व कार्यशाला के हैं.
सेवा पूर्ववत करने के लिए चालक, वाहकों के साथ ही तकनीकी कर्मचारी काम पर उपस्थित होना आवश्यक है. लेकिन चालक एवं वाहक वापस लौटने का प्रमाण बहुत ही कम होकर एसटी की सेवा सुचारु नहीं होने से महामंडल ने 2016-17 एवं 2019 की भर्ती प्रक्रिया के चयन किए गए और प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले चालक-वाहकों को सेवा में लेेने का निर्णय लिया है साधारणतः दो से ढाई हजार चालक-वाहक होकर कोरोना काल में उनका प्रशिक्षण व अंतिम चयन प्रक्रिया नहीं हुई थी. यात्री संख्या कम होने से कम गाड़ियां छोड़ी गई थी.
हड़ताल बाबत परब-फडणवीस में चर्चा
परिवहन मंत्री अनिल परब ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से एसटी की हड़ताल बाबत एवं उस पर संभावित हल निकालने बाबत चर्चा की. पूर्व मुख्यमंत्री के कारण फडणवीस को राज्य के सभी विभागों की जानकारी है. एसटी कर्मचारियों के प्रश्नों पर चर्चा की व वह सकारात्मक हुई. फडणवीस ने कुछ निर्देश दिए जाने के साथ ही इस पर राज्य सरकार द्वारा विचार विनिमय कर निर्णय लेगी, ऐसा अनिल परब ने कहा. कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाले विधायक गोपीचंद पडलकर को धमकियां देने से उन्हें पुलिस संरक्षण दिया जाये, ऐसी मांग फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की है.