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सीबीएसई, आईसीएसई के प्रश्न हो सकेंगे शामिल
मुंंबई/दि.5 – कक्षा 11 वीं में प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन के लिए होनेवाली सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) से जुडे विवाद के समाधान की ओर राज्य सरकार ने कदम बढाया है. इसके लिए सरकार 175 अंकों की परीक्षा लेने की तैयारी कर रही है. सीबीएसई व आईसीएसई के अलावा अन्य बोर्ड से भी प्रश्नों की सूची मंगाई गई है. जिसे परीक्षा में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है.
राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी की ओर से दिए गए इन सुझावों पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट में आईसीएसई बोर्ड की एक छात्रा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है. याचिका में सीईटी की परीक्षा को भेदभावपूर्ण बताया गया है, क्योेंकि यह पूरी तरह महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एसएससी बोर्ड) के पाठ्यक्रम पर आधारित है. न्यायमूर्ति आर. डी. धानुका व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने बुधवार को सुनवाई के दौरान कुंभकोणी ने कहा, हम 175 अंकों की सीईटी परीक्षा आयोजीत करने पर विचार कर रहे हैं. प्रश्नपत्र के सात समूह होंगे. एक समूह 25 अंकों का होगा. जिसमें से विद्यार्थियों के पास चार समूह चुनने का विकल्प होगा. जबकि मूल्यांकन 100 अंकों का ही होगा. एसएससी बोर्ड के दस लाख विद्यार्थियों ने सीईटी परीक्षा के लिए आवेदन किया है जबकि दूसरे बोर्ड के सिर्फ पांच हजार विद्यार्थी हैं. इंटरनेशनल बोर्ड के 21 छात्र ही हैं. फिर भी हमने संबंधित बोर्ड से प्रश्नों की सूची मंगाई है.
स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नहीं देनी होगी सामान्य प्रवेश परीक्षा
महाराष्ट्र बोर्ड की कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को स्नातक (डिग्री) पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) नहीं देनी होगी. हालांकि, प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश के लिए यह जरूरी होगी. प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने बुधवार को पुणे में यह घोषणा की. सामंत ने कहा कि 12 वी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को रिजल्ट के आधार पर स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा. स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए गुरूवार से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. विद्यार्थी विज्ञान, कला और वाणिज्य जैसे संकायों में प्रवेश ले सकेंगे. वहीं प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के लिए नियमित सीईटी 26 अगस्त से शुरू होगी.