राज्य के 70 सहकारी शक्कर कारखाने मुश्कील में
10.53 करोड रुपयों का कर्ज है बकाया
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मुंबई /दि. 15- केंद्र सरकार की शक्कर व इथेनॉल संबंधी नीति तथा उद्योगों से संबंधित आर्थिक अनुशासन का पालन नहीं करने की वजह से राज्य के करीब 70 शक्कर कारखाने मुश्कील में आ गए है. इन 70 कारखानों पर 10 करोड 53 लाख 219 रुपयों का कर्ज बकाया है. जिसमें से गत वर्ष 35 व जारी वर्ष में 32 कारखानों पर कर्ज बकाया रहे. साथ ही इन दो वर्षों के दौरान 37 कारखाने पूरी तरह से दीवालियां हो गए.
राज्य सहकारी बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक गत वर्ष के गन्ना सीजन दौरान राज्य के 133 सहकारी शक्कर कारखानों राज्य सहकारी बैंक से शक्कर तारण, अल्प मुदत व मध्यम मुदत वाले कर्ज लिए थे. जिसमें से 61 कारखानों की बैलेंस शीट शानदार रही. वहीं 35 कारखानों के कर्ज बकाया रह गए. इसी तरह गन्ने के जारी सीजन दौरान 130 सहकारी शक्कर कारखानों ने कर्ज लिए थे. जिसमें से 61 कारखानों की आर्थिक स्थिति अच्छी रही. वहीं 32 कारखानों के कर्ज बकाया रहे. गत वर्ष के सीजन में 10 करोड 53 लाख 219 रुपए का कर्ज बकाया रह गया था. वहीं जारी सीजन के दौरान 9 करोड रुपए का कर्ज बकाया चल रहा है. यद्यपि बकाया कर्ज की रकम बहुत अधिक नहीं है. लेकिन शक्कर कारखाने कर्ज की पुनर्रचना करने की स्थिति में भी नहीं है. यही वजह रही कि, विगत दो वर्षों के दौरान करीब 37 कारखानो की दीवालिया घोषित हो गई है. ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व नाबार्ड के मार्गदर्शक तत्वानुसार राज्य सहकारी बैंक आर्थिक संकट में रहनेवाले कारखानों की सहायता करेगी. क्योंकि, राज्य सहकारी बैंक का मुख्य कार्य सहकार आंदोलन को मजबूत करना है, ऐसी जानकारी राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक विद्याधर अनासकर द्वारा दी गई.