मुंबई/दि. 14 – महाराष्ट्र के जालना में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां 72 साल के एक शख्स को कोरोना की दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन लगा दी गई. खांडवी गांव के दत्तात्रेय वाघमारे को दरअसल 22 मार्च को पारतुर अस्पताल में 22 मार्च को भारत बायोटेक की कोवाक्सिन लगाई गई थी. इसके बाद वे जब दूसरी डोज के लिए 30 अप्रैल को जब श्रृष्टी गांव पहुंचे तो उन्हें सीरम इंस्टट्यूट की कोविशील्ड लगा दी गई. वाघमारे के परिवार के अनुसार दूसरे डोज के बाद उन्हें बुखार सहित शरीर पर रैशेज और बेचैनी जैसी समस्या शुरू हो गई. स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद परिवार वाले उन्हें पातुर में एक सरकारी अस्पताल में ले गए, जहां उन्हें कुछ दवाएं दी गईं.
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अलग-अलग वैक्सीन लगाने का मामला कैसे खुला
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार वाघमारे को दो अलग-अलग वैक्सीन लगाई गई थी, इसकी जानकारी किसी को नहीं थी और न ही इसकी ओर ध्यान गया था. हालांकि, जब उनके बेटे दिगंबर ने हाल में पिता को लगी वैक्सीन की सर्टिफिकेट देखी तो हैरान रह गए. उनके पहले सर्टिफिकेट में कोवाक्सिन और दूसरे में कोविशील्ड लिखी गई थी. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत की और फिर स्वास्थ्य महकमा हड़कत में आ गया. मामला सामने आने के बाद डॉक्टरों की टीम ने वाघमारे के स्वास्थ्य की जांच की और उन पर नजर बनाए हुए हैं. दिगंबर ने बताया कि उनके पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं और वो खुद भी ज्यादा शिक्षित नहीं हैं. ऐसे में वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के इन बातों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. दिगंबर सलून चलाते हैं. इस बीच डिप्टी हेल्थ डायरेक्टर (औरंगाबाद डिविजन) स्वपनिल लाले ने बताया है कि दत्तात्रेय वाघमारे को और कोई परेशानी फिलहाल नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि मामले में लापरवाही की जांच भी शुरू कर दी गई है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के शामली में भी वैक्सीन देने के दौरान लापरवाही का एक मामला सामने आया था जहां तीन बुजुर्ग महिलाओं को एंटी-रेबीज की इंजेक्शन दे दी गई थी.