महाराष्ट्र

राज्य के बांधों में ७७ फीसदी जलसंग्रहण

कई बांध शत-प्रतिशत भरे

  • अनेकों बांधों से जलविसर्ग शुरू

मुंबई – अगस्त माह के दौरान समूचे राज्य में चहुुंओर हुई झमाझम बारिश की वजह से राज्य के सभी छोटे-बडे व मध्यम जलप्रकल्प ‘पानीदार‘ हो गये है. जलसंपदा विभाग द्वारा जारी किये गये आंकडों के मुताबिक ३० अगस्त तक राज्य के सभी बांधों में औसत ७६.५३ फीसदी जलसंग्रहण हो चुका था, जो गतवर्ष की तुलना में १३ प्रतिशत अधिक है. इसमें भी राज्य के कई प्रकल्प शत-प्रतिशत भर चुके है और वहां से बडे पैमाने पर जलविसर्ग किया जा रहा है. जिसके चलते राज्य के अनेकों क्षेत्रों में नदी-नालों में जलस्तर बढा हुआ है और कई स्थानों पर बाढ सदृश्य हालात है.

उल्लेखनीय है कि, जून माह में मान्सून ने बिल्कूल सही समय पर अपनी हाजरी लगायी और जुलाई माह के दौरान भी बेहद समाधानकारक बारिश हुई. किंतु राज्य के कई हिस्सों में औसत से कम वर्षा होने के चलते वहां पर जलसंग्रहण की स्थिति को लेकर चिंता देखी जा रही थी, लेकिन अगस्त माह के पहले सप्ताह से शुरू हुई झमाझम बारिश ने राज्य के सभी इलाकों में पानी को लेकर चिंताएं दूर कर दी और अब सभी इलाके पूरी तरह से ‘पानी-पानी‘ हो चुके है और समूचे राज्य के सभी छोटे-बडे व मध्यम प्रकल्पों में जलस्तर बडी तेजी से बढ गया है. साथ ही विगत तीन-चार दिनों से समूचे राज्य में चहुंओर लगातार बारिश चल रही है. जिससे हर ओर बाढ सदृश्य हालात है. बता दें कि, राज्य के अमरावती, औरंगाबाद, कोंकण, नागपुर, नासिक व पुणे विभागोें के सभी प्रकल्पों में विगत वर्ष ३० अगस्त तक ६३.७१ फीसदी जलसंग्रह था, जो इस वर्ष ७६.५३ फीसदी हो गया है. इसमें भी अमरावती व नागपुर सहित औरंगाबाद संभाग में जलसंग्रहण की स्थिति गत वर्ष की तुलना में बेहद शानदार है.

विभागनिहाय जलसंग्रहण की स्थिति

     संभाग        जारी वर्ष      गत वर्ष
  • अमरावती         ६९.५५%       ३२.७२%
  • नागपुर             ७८.०६%        ५१.६९%
  • औरंगाबाद        ६३.१४%         २९.४९%
  • कोंकण            ८१.०५%          ८७.६६%
  • नासिक           ७२.१७%          ६७.४१%
  • पुणे                ८४.०५%           ८५.४९%
  • कुल                ७६.५३%           ६३.७१%

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