मुंबई/दि.1– किसानों के नाम पर महायुति सरकार ने 8 हजार करोड रुपए का फसल बीमा घोटाला करने का बडा आरोप शिवसेना उद्धव गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने आज लगाया. उन्होंने कहा कि हिंगोली के कर्ज में दबे किसान अपने शरीर के अवयव लीवर, कीडनी, आंखे बेचने पर मजबूर हो रहे हैं. वे प्रदर्शन के लिए मुंबई में दाखिल होते हैं तो उन्हें पुलिस डिटेन कर लेती है. यहां संवाददाता सम्मेलन में ठाकरे ने कहा कि कल ही किसान मातोश्री पर आकर गए. सांसद विनायक राउत से वे मिले. उसके बाद ठाकरे ने उन्हें अपने विपक्ष के नेता अंबादास दानवे से मिलने भेजा था. किसानों को संंबंधित अधिकारियों से बात कर न्याय दिलाना था. अचानक टीवी पर समाचार दिखाई दिया कि सभी किसानों को डिटेन कर लिया गया है.
सांसद अरविंद सावंत, विभाग प्रमुख संतोष शिंदे से कहा कि उन किसानों की खोज करने के लिए उन्होंने कहा है. किसानों को क्यों पकडा गया, इसकी वजह पता नहीं चल पा रही. आजाद मैदान थाने में उन्हें ले जाया गया उनका क्या अपराध था. ठाकरे ने कहा कि किसानों की आज यही परिस्थिति है. उन पर कार्रवाई हो जाती है, उनका कोई कसूर भी नहीं रहता.
* नालायक शब्द का पुनरुच्चार
नालायक शब्द को लेकर भी उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले सप्ताह प्रदेश में बेमौसम बारिश ने कहर ढाया. किसानों की दिक्कत बढ गई. उन्हें मदद करने की बजाए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पडोसी राज्यों में चुनाव प्रचार में मशगुल थे. इसके लिए राज्य कारभार करने में ये लोग नालायक रहने का शब्द ठाकरे ने दोहराया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अंबादास दानवे, विनायक राउत, सुषमा आंधारे आदि खेतों की मेढ पर गए थे. उन्होंने किसानों के नुकसान के लिए पहले मदद करने की मांग सरकार से की. यह भी कहा कि पंचनामे होते रहेंगे किसान दिक्कत में है तभी तो अपने अवयव तक बेचने तैयार हुए हैं. इसके पहले भी पंचनामे किए गए थे. कितनी मदद किसानों को पहुंचाई गई. ठाकरे ने कहा कि फसल बीमा योजना बडा घपला होने की शंका उन्हें हो रही है. 1रुपए में फसल बीमा देने के वादे पर पौने दो करोड किसानों ने आवेदन किए. किसानों के नाम पर सरकार ने 8 हजार करोड रुपए बीमा कंपनियों को दे दिए. इतना करने पर भी कंपनियों के कार्यालय बंद पडे हैं.