महाराष्ट्र

14 घंटे पीछा करने के बाद 9 किलो सोना हुआ बरामद

दुकान का नौकर ही निकला चोर

* साथियों के साथ मिलकर चोरी की घटना को दिया था अंजाम
मुंबई/दि.29– करीब सवा आठ करोड रूपये के सोने पर हाथ साफ करते हुए फरार हो जानेवाले नौकर सहित उसके साथियों को पुलिस ने मोबाईल लोकेशन के आधार पर बिकानेर से इंदौर तक 14 घंटे पीछा करते हुए गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. साथ ही आरोपियों द्वारा खेत में छिपाये गये 9 किलो सोने को भी बरामद किया गया.
जानकारी के मुताबिक भुलेश्वर निवासी खुशाल टामटा (48) का सोने का व्यवसाय है. जिनके यहां पर छह माह पूर्व गणेश हिराराम देवासी (21) काम पर लगा था और कुछ ही दिनों में उसने खुशाल टामटा का विश्वास संपादित कर लिया था. जिसके बाद वह टामटा के कार्यालय में ही रहने लगा. कुछ दिनों पूर्व खुशाल टामटा के पिता का कैन्सर की वजह से निधन हो गया था और वे कार्यालय नहीं आ रहे थे. ऐसे में गणेश देवासी ने अपने साथी रमेश प्रजापति के साथ मिलकर अपने ही कार्यालय में चोरी करने का षडयंत्र रचा. जिसके बाद विगत 8 जनवरी को राजस्थान से कैलाशकुमार मंगलाराम तुरीभाट (22) को भी बुलाया गया. जो एक पेशेवर अपराधी है. पहले से तय योजना के अनुसार 14 जनवरी को टामटा के कार्यालय से करीब सवा आठ करोड रूपये मूल्य के माल पर हाथ साफ करते हुए आरोपी मौके से फरार हो गये. पश्चात सीसीटीवी फुटेज को खंगालते हुए पुलिस को पता चला कि, इस मामले में कुल पांच आरोपियों का सहभाग था. जिसके बाद तकनीकी सबूतोें के आधार पर पुलिस ने 18 जनवरी को राजस्थान से रमेश प्रजापति को गिरफ्तार किया. इसी दौरान संदेहितोें के रिश्तेदारों की जांच जारी रहते समय कैलाश ने अपने एक रिश्तेदार को मोबाईल कॉल किया. यह पता चलते ही मोबाईल लोकेशन के जरिये राजस्थान के पुलिस पथक ने उसका बीकानेर से पीछा करना शुरू किया और करीब 14 घंटे तक पीछा करने के बाद कैलाश तुरभाटी सहित किशन प्रल्हाद चौहान (21) को इंदौर से गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही इस मामले में हिम्मतसिंह बलिया, लोकेंदर राजपुत, प्रल्हादसिंह चौहान, श्यामलाल सोनी, विकासकुमार वासु व उत्तम कांची भी पकडे गये. जिन्होंने एक बंजर खेत में 6-7 फीट गहरा गढ्ढा खोदकर वहां पर चोरी के सोने को छिपा दिया था. पुलिस पथक ने आरोपियों की निशानदेही पर उस खेत में गढ्ढा खोदकर पूरा 9 किलो सोना बरामद कर लिया. पता चला है कि, गोरेगांव में आयोजीत होनेवाली एक प्रदर्शनी के लिए खुशाल टामटा ने इतने बडे पैमाने पर सोने के आभूषण अपने कार्यालय में लाकर रखे थे. किंतु कोविड संक्रमण की वजह से प्रदर्शनी आगे टल जाने के चलते यह पूरा माल कार्यालय में ही पडा रह गया. इसी दौरान उनके पिता की कैन्सर से मौत हुई और उनके पीठ पीछे आरोपियों ने इस माल पर हाथ साफ कर दिया.

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