* केंद्रीय मंत्री गडकरी की घोषणा
मुंबईदि.31 – 15 वर्ष से अधिक समय से प्रयोग में रहने वाली केंद्र व राज्य सरकार के करीब 9 लाख वाहनों को आगामी 1 अप्रैल से कबाड में निकाल दिया जाएगा. इस आशय की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गत रोज की. साथ ही कहा कि, इतनी बडी संख्या में पुराने वाहनों को कबाड में निकाले जाने के बाद पश्चात इनके स्थान पर नये वाहन लिए जाएंगे.
औद्योगिक संगठन फिक्की द्बारा आयोजित एक कार्यक्रम में उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, केंद्र सरकार द्बारा इथेनॉल, मिथेनॉल, जैविक सीएनजी व विद्युत पर चलने वाले वाहनों पर सुनियोजित तरीके से प्रोत्साहन दिया जा रहा है. ताकि प्रदूषण के स्तर को हटाया जा सके. इसी के तहत 15 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी और प्रदूषण करने वाली बस व कार जैसे करीब 9 लाख सरकारी वाहनों को कबाड में डालने को सरकार ने मंजूरी दी है. इन सभी वाहनों का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा. जिसके बाद इन वाहनों को कबाड में डाल दिया जाएगा. पश्चात इन वाहनों के स्थान पर आने वाले वाहन पर्यायी इंधन पर चलने वाले रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, यह नियम सेना के वाहनों सहित अंतर्गत सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों सहित अन्य विशेष कारणों के लिए प्रयुक्त होने वाले वाहनों हेतु लागू नहीं होगा. उन्होंने यह भी बताया कि, देश में सन 2070 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन की स्थिति को छूने का लक्ष्य तय किया है. जिसे पूर्ण करना संभव भी है. लेकिन इसके लिए माल ढुलाई यानि लॉजिस्टीक क्षेत्र को तत्काल कॉर्बन मुक्त किए जाने की जरुरत है. केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक माल ढुलाई के क्षेत्र में होने वाले कुल खर्च की तुलना में चीन में 8 से 10 फीसद व युरोपिय देशों में 12 फीसद खर्च होता है. वहीं भारत में यह खर्च 14 से 16 फीसद है.