राज्य में 90 फीसद मरीज ओमिक्रॉन संक्रमित!
सरकार ने जारी किये महत्वपूर्ण निर्देश
मुंबई/दि.15- राज्य में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजोें की संख्या डेल्टा संक्रमित मरीजोें से काफी अधिक है और इस समय जितने भी कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है, उनमें से 90 फीसद मरीज ओमिक्रॉन संक्रमित है. अत: ओमिक्रॉन की पुष्टि हेतु स्वतंत्र तौर पर कोई जांच या टेस्ट न की जाये. इस आशय का निर्देश सरकार द्वारा महानगरपालिकाओं को दिया गया है.
बता देें कि, इस समय समूचे राज्य में कोविड संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो गई है और संक्रमितों की संख्या में काफी इजाफा भी हो रहा है. जिसके मद्देनजर विगत 2 जनवरी को राज्य के स्वास्थ्य महकमे ने सभी महानगरपालिकाओं को पत्र भेजकर संक्रमितोें में से 30 फीसद मरीज ओमिक्रॉन संक्रमित रहने की बात ग्राह्य मानते हुए टेस्टिंग बढाने का निर्देश दिया था. किंतु ओमिक्रॉन वायरस का निदान करने की व्यवस्था किसी भी महानगरपालिका के पास नहीं थी. जिसके चलते जिनोम सिक्वेसिंग ही एकमात्र पर्याय था. ऐसे में संदेहित सैम्पलों को जांच हेतु पुणे व दिल्ली की प्रयोगशालाओं में भिजवाया जा रहा था. किंतु वहां से रिपोर्ट आने में काफी वक्त लगा करता था. इस बात के मद्देनजर थर्मोफिशर नामक कंपनी ने टेक पाथ नामक टेस्ट कीट तैयार की थी. जिसके तहत कोविड टेस्ट में एसजीन पॉजीटीव रहने पर संबंधित मरीज को ओमिक्रॉन संक्रमित माना जाता था. ऐसे में राज्य की लगभग सभी महानगरपालिकाओं द्वारा 240 रूपये मूल्य रहनेवाली इस कीट को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. किंतु अब राज्य सरकार ने राज्य में 90 फीसद संक्रमित ओमिक्रॉन संक्रमित ही रहने की बात स्पष्ट कर दी है. जिसके चलते अब टेकपाथ टेस्ट कीट खरीदने की कोई जरूरत ही नहीं बची और अब लगभग सभी संक्रमितों को ओमिक्रॉन संक्रमित मानकर ही उनका इलाज किया जा रहा है.